भूमिका :
वातावरण एक प्राकृतिक परिवेश है जो पृथ्वी नामक ग्रह पर जीवन को विकसित करने में मदद करता है | पर्यावरण ही हमारे जीवन का आधार है वह न केवल मानव के ही नहीं बल्कि सभी जीव-जंतुओं एवं वनस्पतियों के जीवन का आधार है |
प्राकृतिक वातावरण पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्व में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है |
प्राकृतिक परिवेश 
पर्यावरण पृथ्वी पर जीवन पोषण करने के लिए प्रकृति का दिया हुआ उपहार है | पर्यावरण मतलब है प्राकृतिक परिवेश जैसे रहने के लिए भूमि, शुद्ध वायु, जल, पौधे, धुप जंगल आदि प्रदान की है | स्वस्थ और शांतिपूर्ण जीवन जीने के लिए एक स्वच्छ वातावरण बहुत जरुरी है |
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पर्यावरण क्या है 
‘पर्यावरण’ हमारे आस पास का आवरण यह दो शब्दों से मिलकर बना है | पर्यावरण परि + आवरण जिसका अर्थ है एक ऐसा वातावरण जो प्राकृतिक रूप से हमारे चारो तरफ के वातावरण में निहित सभी तत्व और उसमें रहने वाले सभी प्राणियों से हैं | पर्यावरण हमारे लिए हवा, भूमि, जल, वायु जैसे महत्वपूर्ण संसाधन उपलब्ध करवाती है |
स्वच्छ वातावरण
एक शांतिपूर्ण और स्वस्थ जीवन जीने के लिए एक स्वस्छ वातावरण बहुत जरुरी है | लेकिन आज हमारा पर्यावरण कुछ स्वार्थी लोगों की लापरवाही के कारण और आधुनिक युग में मानव निर्मित तकनिकी की उन्नति के कारण दिन-प्रतिदिन पर्यावरण दूषित होता जा रहा है |
जबकि यह सभी को मालूम होना चाहिए की पर्यावरण के बिना जीवन की कल्पना नहीं कर सकते | इसलिए हमें पर्यावरण को सुरक्षित और स्वच्छ रखना चाहिए |
प्रकृति द्वारा उपलब्ध 
पर्यावरण के बिना पृथ्वी पर जीवन की कल्पना नहीं किया जा सकता है | क्योंकि पर्यावरण द्वारा ही इस पृथ्वी पर जीवन संभव है |
पर्यावरण हमारे स्वस्थ जीवन के लिए शुद्ध जल, शुद्ध वायु और शुद्ध भोजन उपलब्ध करवाता है | पर्यावरण पर मनुष्य ही नहीं बल्कि सभी पेड़-पौधे, जीव-जंतु सभी प्रकृतिक वनस्पतियाँ पूरी तरह से पर्यावरण पर ही निर्भर हैं |
संपूर्ण ब्रह्मांड में पृथ्वी ही एकमात्र ऐसा ग्रह है जिसमें जीवन अस्तित्व के लिए आवश्यक है | हम अपने दैनिक जीवन में, जिस पौधे की शुद्ध हवा लेते हैं, पानी, अग्नि, सभी जीवित पशु-पक्षी जानवर यह सभी पर्यावरण का महत्वपूर्ण अंग है |
यदि प्रकृति के संतुलन में किसी भी प्रकार का रुकावट आता है तो उसका असर हमारे पर्यावरण पर पड़ता है |
कई प्रकार की बाधा वातावरण को पूरी तरह से प्रभावित करता है, जो जीवन को नष्ट कर देता है | मनुष्य की उन्नति जीवन स्तर के युग में वायु, प्रदुषण, ध्वनि प्रदुषण, वनों की कटाई, जल प्रदुषण, मिट्टी प्रदुषण, अम्ल वर्षा और तकनिकी प्रगति के माध्यम से मनुष्य द्वारा किये गए खतरनाक आपदाओं के रूप में प्रभावित हो रहा है |
निष्कर्ष :
पर्यावरण के चारो तरफ पूरा ब्रह्माण्ड जीव और जगत घिरा हुआ है | स्वच्छ पर्यावरण ही स्वच्छ वातावरण है और स्वच्छ वातावरण से ही स्वस्थ जीवन और समाज का निर्माण होता है | परंतु मनुष्य की लापरवाही के कारण हमारा स्वच्छ वातावरण दूषित होता जा रहा है |