प्रस्तावना:
हमारा भारत देश सबसे बड़ा जनसंख्या वाला देश है | इस देश में विभिन्न जाती और धर्म के लोग रहते है | लेकिन छुआछूत यह समाज में रहने वाले लोगो से जुडी गयी एक बहुत बड़ी समस्या है |
कई लोग निम्न जाती वाले लोगो को अपने घर में या किसी वस्तु को हात लगाने नही देते थे | छोटी जात वाले लोगो को मंदिरों में जाने भी नही देते थे, गाँव में जल के स्त्रोतों को हात नही लगाने देते थे |
छुआछूत का अर्थ –
छुआछूत का अर्थ होता है – जो स्पर्श करने के लिए योग्य ना हो | समाज में जब किसी व्यक्ति को अछूत माना जाता है तो दूसरा व्यक्ति उसके हात से दी गयी और छुई गयी वस्तु को कोई खाता नही है, उसे छुआछूत कहते है | अछूत लोगो के साथ ना कोई उठता, बैठता हैं और उनके हात का कोई खाना भी नही खाता है |
जातियों का विभाजन
प्राचीन समय में महाराजाओं के द्वारा किसी मनुष्य का काम देखकर उसके धर्म की स्थापना की गयी | उस वकत हर एक व्यक्ति ने अपने अपने धर्म को चुना |
धर्म के अनुसार जातियों को चार वर्ग में विभाजित किया है | सबसे पहिले ब्राह्मण, उसके बाद क्षत्रिय, वैश्य और शुद्र ऐसे चार भागों में विभाजित किया था |
सबसे जो शुद्र वर्ग के लोग होते है उन्हें अछूत माना जाता है | शुद्र वर्ग के लोगो को ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य इन तीन जातियों की सेवा करना यही काम था |
अछूत लोग
भारत देश में अछूत लोगो को वर्ण व्यवस्था में नही गिना जाता था | अछूत लोगो को समाज के बाहर रखा जाता था | जो सबसे ऊपर जाती के लोग होते थे वो अछूत लोगो को अपने घर के बाहर खड़ा करते थे |
उन लोगो के लिए अलग से हर एक वस्तु रखते थे | घर से लेकर स्कूल तक इन अछूत लोगो को अलग से बैठाया जाता था |
अछूत लोगो में भेदभाव
सबसे ऊपर जाती वाले लोगो में और नीची जाती के लोगो में भेदभाव किया जाता था | किसी अन्य जाती के सदस्य के साथ शादी करना भी मना था |
गाँव में चाय के ठेलों पर उनके लिए अलग से ग्लास रखा जाता था | उनको गाँव के त्योहारों में अलग से बैठने के व्यवस्था की जाती थी | उनके लिए हर एक वस्तु अलग से रखी जाती थी |
भारतीय संविधान में समान अधिकार
हमारे देश को स्वतंत्रता मिलने के बाद अस्पृश्य जाती की समस्या पर प्रतिबंध लगाया गया | हमारे देश के भारतीय संविधान में सभी लोगो को एक ही न्याय और अधिकार दिया गया |
जो भी लोग भेदभाव करेंगे उनके ऊपर दंड लगाया | इस समस्या को दूर करने के लिए भी समाज सुधारको ने भी कार्य किया है |
निष्कर्ष:
हम सभी लोगो को छुआछूत इस समस्या को दूर करना चाहिए | जब लोगो में एकात्मता की भावना और सामाजिक समानता दिखाही देगी तभी हमारे देश का विकास हो सकता है |
सरकार को अछूत लोगों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए प्रयास करना होगा |