प्रस्तावना :
हमारे देश में याता-यात का नियम और कानून ब्रिटिश सरकार के समय से चला आ रहा है| जो की यह नियम बनाया भी उनके ही द्वारा गया था| भारत में यातायात के माध्यमो को लेकर जब यह पाया गया की आये दिन किसी न किसी के वाहन के निचे आकर किसी की मृत्यु हो रही है| तब इस पर कानून को बनाने पर जोर दिया गया, और सन १९६८ में यातायात से सम्बंधित कानून भी बना दिया गया |
यातायात के नियम बनाने का कारण
विदेशी कम्पनियाँ बाहर से देश में आकर विभिन्न प्रकार के व्यापार करने लगे जिसके कारण सभी व्यापारियों को वाहन की आवश्यकता होने लगी|
कुछ लोगों की लापरवाही के कारण आयें दिन किसी न किसी के वाहन से कोई व्यक्ति टकरा कर घायल हो जाता था और ऐसी समस्यां सामने आने लगी जिसको देखकर सरकार ने वाहनचालक पर भी नियम कानून बनाने के लिए मजबूर हो गयी |
यातायात के नियम और कानून
सरकार ने जब वाहन चालक पर नियम बनाएं तब उन्होंने नियम में यह घोषणा किया की, दो पहिये वाले मोटर साईकिल वाले चालक को हेलमेट लगाकर वाहन चलाना होगा जिससे की अचानक गिरने पर चोट की वजह से मृत्यु की सम्भावना कम रहे| और जो कोई इसे नहीं मानता उससे दंड के रूप में कर लिया जायेगा |
और चार पहिये वाले चालक अपने वहान की गति नियंत्रित करके चलायें जिसके लिए कुछ धाराएँ भीं हैं| आप सिग्नल के विरुद्ध जाकर वाहन नहीं चलाएंगे , अपने वाहन से सम्बंधित कागज़ दस्तावेज सुरक्षित अपने संग लेकर वाहन चलाएंगे, आप धुम्रपान करके वाहन नहीं चलाएंगे तथा आप अपना नहीं तो अपने वाहन का बिमा कराये रहेंगे |
वाहन से होने वाले दुष्परिणाम
जब वाहन पुराने हो जाते है, तब उनमे खनिज की खपत करने की क्षमता कम हो जाती है| जिसके कारण रासायनिक धुएं वायु में मिश्रित होते हैं, और इससे वायु प्रदुषण भी होता है अधिक समय तक हार्न बजाने से बहरापन तथा हृदय का भी रोग होता हैं |
एक मात्र वाहन से विभिन्न प्रकार की घटनाये देखने को मिलती है, जिसके कारण भारत में याता-यात के नियम को लेकर कई बार संशोधन भीं किया गया है |
यातायात के नियम से लाभ
आज के समय में बिना लाइसेंस के कोई भी चालक वाहन नहीं चला सकता | और यदि चालक को लाइसेंस की आवश्यकता है, तब उसे परीक्षण के माध्यम से लाइसेंस प्राप्त करना होगा |
इस नियम से यह लाभ हुआ, की दुर्घटना की संभावना में कमी देखि गयी| जिसके कारण आज के समय में इसका बहुत महत्व है, और यातायात के नियमो का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति को दंड भी दिया जाता हैं |
निष्कर्ष :
जब कभी भी भारत सरकार जनता के हित के लिए कोई भी कार्य करती है, तब हमें उनके साथ खड़े रहकर उनका साथ देना चाहिए, आज के समय में केवल और केवल २०% से भी कम घटना वाहन द्वारा हो रहा हैं|
भारत सरकार को जब कोई शिकायत जनता द्वारा प्राप्त होती है,तब सरकार को शीग्र कदम उठाना चाहिए|