प्रस्तावना :
भारतीय नारी को समाज सबसे में बड़ा दर्जा दिया जाता हैं | पुराने ग्रंथ में भारतीय नारी को पूज्यनीय और देवी का रूप माना जाता हैं | कोई भी परिवार, देश या समाज का विकास तब हो सकता हैं जब नारी के प्रति भेदभाव, तिरस्कार नही करेगा |
पुरातन काल में भी नारी सम्मान किया जाता था | लेकिन देश को आज़ादी मिलने से पहिले भारतीय नारी की दशा में बदल होने लगा था | उसका समाज में स्थान और दर्जा कम होते जा रहा था | देश में अंग्रेज सरकार आने से भारतीय नारी को अपना जीवन गुलाम की तरह जीना पड़ता था |
स्वतंत्रता प्राप्ति
देश को आजादी मिलने के बाद भारतीय नारी के जीवन में बदलाव होने लगे | भारतीय नारी को समाज में मान सम्मान दिया जाने लगा |
पुरुष और स्त्री यह दोनों को हमारे भारतीय संविधान के अनुसार एक समान अधिकार दिए जाने लगे | भारतीय नारी के जीवन में धीरे – धीरे बहुत सारे बदलाव होने लगे |
आज की भारतीय नारी
आज के भारतीय नारी को समाज में उच्च सम्मान दिया जाता हैं | आज की हर एक भारतीय नारी पुरुषों के साथ साथ कंधे से कंधे मिलाकर हर क्षेत्र में कार्य कर रही हैं |
वो हर एक क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं | आज की भारतीय नारी अपने अधिकारों के लिए खुद लढ भी सकती हैं | वो अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए अच्छाई के मार्ग पर चल रही हैं |
भारतीय नारी अपने अधिकारों के लिए चार दीवारों से बाहर निकलकर प्रति सज्ज हो रही हैं | वो शिक्षा प्राप्त करके अलग – अलग क्षेत्रों अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं |
स्वतंत्र जीवन
आज की भारतीय नारी अपना जीवन स्वतंत्र से जी रही हैं | वो आज के युग में पूर्ण रूप से स्वतंत्र हैं और खुद के जिंदगी के फैसले खुद कर सकती हैं नारी ने आज के युग में बहुत प्रगति कर ली हैं | नारी हर कार्य कुशलता से कर रही हैं |
आज की भारतीय नारी अपने परिवार का अच्छे से ख्याल भी रख रही हैं | और उसके साथ साथ बाहर का काम भी कर रही हैं | हर व्यक्ति को सफल बनाने के लिए नारी सबसे बड़ा हाथ होता हैं |
निष्कर्ष :
आज भारतीय नारी का समाज या देश सम्मान किया जाता हैं | उसको हर एक अधिकार दिया जाता हैं | आज की नारी समाज, परिवार और देश का कार्य करने के लिए तत्पर हो गयी हैं | आज वो पुराने बातों को भूलकर अपने जीवन में आगे बढ़ रही हैं |
हमारे देश में संस्कारी और आदर्शवादी नारियों की संख्या ज्यादा रखेगी तो हमारे देश का विकास होगा | इसलिए हमें सभी नारियों को शिक्षित करना होगा |