प्रस्तावना:
हमारे देश में विविधता में एकता की भावना नजर आती हैं | लेकिन कई लोग इसे देखकर निस्तबद्ध हो जाते हैं और देश के एकीकरण को बिखेरना चाहते हैं | हमारे देश को मिलकर रहते हुआ नहीं देख सकते हैं |
वो अपने दलालों को भेजकर तोडना चाहते हैं | देश में आतंकवाद की समस्या यह एक बहुत बड़ी समस्या हैं | यह एक गैर क़ानूनी कृत्य हैं | इसके माध्यम से हिंसापूर्वक आम जनता को डराया जाता हैं |
आतंकवाद यह एक सामाजिक मुद्दा बन गया है | आतंकवाद यह मानव जाती के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं | जिसे मानव खुद निर्माण करता हैं |
आतंकवाद का अर्थ –
आतंकवाद यह शब्द दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है – आतंक + वाद | आतंक का अर्थ होता हैं – भय और वाद का अर्थ होता हैं – पद्धति |
आतंकवाद मतलब लोगों का समूह जो आतंकवाद को आत्मसात या समर्थन करता हैं उसे ‘आतंकवादी’ कहते हैं |
आतंकवादियों का उद्देश
आतंकवादी लोगों का मुख्य उद्देश्य यही होता है की, सरकार और देश के लोगों में डर निर्माण करके अपनी बातों को मनवाना |
आतंकवादी लोगों का कोई देश, धर्म या जाती नहीं होती हैं | आतंकवादी लोग भोले बच्चों, स्त्रियों, बूढों और जवान लोगों की हत्या करते हैं |
आतंकवाद के प्रकार
आतंकवाद के दो प्रकार होते हैं – राजनीतिक आतंकवाद और अपराधिक आतंकवाद |
राजनीतिक आतंकवाद
राजनीतिक आतंकवाद वह होता हैं जो अपने स्वार्थ के लिए जनता में भय निर्माण करता हैं |
अपराधिक आतंकवाद
अपराधिक आतंकवाद वह होता हैं जो लोगों का अपहरण करके पैसे की मांग करता हैं |
आतंकवाद की समस्या
देश में आतंकवाद निर्माण करने के लिए कई क्षेत्रों हिंसात्मक तरीके अपनाये जाते हैं | जिसकी वजह से सरकार देश का विकास नहीं कर पाता हैं | जब भारत देश विकास करने लगता हैं तो कुछ विदेशी शक्तियां उसके विकास से जलने लगती हैं |
कई लोग बहुत लालची होते हैं | अपने लालच में आकर लोगों से पैसा लेकर दंगे करवाती हैं | ज्यादातर आतंकवादी रेल की पटरियों को उखाड़कर, बैंक में लुट करते हैं और सार्वजनिक स्थानों पर बम्ब फेकते हैं | इन सभी कार्यों में आतंवाद फ़ैलाने के लिए सफल हो जाते हैं |
आतंवाद के कारण
आतंकवाद की समस्या अन्य कारणों से निर्माण होती हैं | यह समस्या पिछले कुछ सैलून से शुरू हुई हैं | इसके पहले छोटे – छोटे लूटपाट के मामले सामने आते थे | लेकिन आज आतंवाद की समस्या बहुत तेजी से बढ़ रही हैं |
आतंकवाद गरीबी, बेरोजगारी, भुखमरी और धार्मिक उन्माद के कारण उत्पन्न होती हैं | आतंकवाद को सबसे ज्यादा गतिविधि धार्मिक कट्टरता से मिलती हैं |
निष्कर्ष:
हमारी भारतभूमि यह शांति और अहिंसा की जन्म भूमि हैं | इस भूमि पर अनेक मानवता प्रेमियों का जन्म हुआ हैं | हमें महँ संत, मुनि और गुरुओं की वाणी का प्रचार देश में करना चाहिए |
ताकि हम संगठित होकर ईट का जवाब पत्थर से दे सके | हम सभी को आतंकवाद की समस्या को नष्ट करने के लिए प्रयास करना जरुरी हैं |