प्रस्तावना :
हमारा भारत देश आज से बहुत लम्बे समय तक अंग्रेजो का गुलाम हुआ करता था| इस गुलामी से मुक्ती हमें १५-अगस्त-१९४७ को प्राप्त हुआ | जो की किसी के द्वारा दी हुई कोई भेट के रूप में नहीं बल्की कुर्बानियों की भेट चढ़ा कर मिली, जिस दिन हमें सम्पूर्ण रूप से अंग्रेजो की गुलामी से आजादी मिली तब उस दिन को भारतवासियों ने “स्वतंत्रता दिवस” का नाम दिया |
स्वतंत्रता दिवस के प्राप्ति हेतु कुछ महवपूर्ण सेनानी
हमारा भारत देश जबसे अंग्रेजो का गुलाम हुआ तब से उनके असहनीय अत्याचार तथा कुर्र्ता भरे व्यवहार से मुक्ती पाने के लिए उन्होंने दृढ संकल्प किया जिससे उन्हें अंग्रेजो की गुलामी से मुक्ती मिलें |
इस आजादी के संघर्ष में सर्वप्रथम कुछ महापुरुष लोग आगे आयें जैसे की, महात्मा गाँधी, भगतसिंह आजाद, सरदारवलभ भाई पटेल, लाला लाजपत राय, सुभाषचंद्र बोष इत्यादि|
इन्होने ने अपना सम्पूर्ण जीवन अपने देश के प्रति आजादी प्राप्त करने हेतु, संघर्ष करते हुए अपने प्राणो का बलिदान दें दिया| जिसमे से कुछ भारतीय सेनानी ने जोश से काम लिया तथा कुछ ने होश से काम लिया |
अतः जोश से काम लेने वाले लोग देश को आजाद करने से पहले ही उनकी लड़ाई में मृत्यु हो गई | और जिन्होंने होश से काम लिया जैसे डॉ. बाबा साहेब आम्बेडकर, महात्मा गाँधी, सरदार वल्लभ भाई पटेल, पंडित जवाहरलाल नेहरु इन लोगो ने सत्य और राजनीती से भरे मार्ग पे चल कर बिना किसी शस्त्र के आजादी की लड़ाई में भागीदार हुए|
स्वतंत्रता दिवस के प्राप्ति हेतु कुछ कष्ट
जब आजादी की पहल की शुरुआत हो ही रही थी, तब कई बार लोगो को अपमान सहना पड़ा, जेल की कैद हुइ, लाठियों से मार पड़ी तथा अन्य कई कष्ट का सामना करना पड़ा |
और जब अंग्रेजो को यह ज्ञात हुआ की अब भारतियों के भीतर बगावत की ज्वाला भड़क चुकी है | तब अंग्रेजो को विवष होकर देश छोड़ कर जाने के लिए मजबूर हो गए | और यह जिस शुभ दिन हुआ उसे हम स्वतंत्रता दिवस कहते है |
स्वतंत्रता दिवस को मनाने की विधि
इस दिन १५-अगस्त-१९४७ से आज तक हम इसी तरह से बड़े जोश,आदर ,सम्मान तथा ईमानदारी से स्वतंत्रता दिवस को मनाते आ रहे है |
इस दिन भारत के प्रत्येक विद्यालय, महानगरो, शहरों,गाँव ,मोहल्ले तथा दिल्ली लाल किले पर ध्वजा रोहन करतें है और ध्वज को सलामी देतें हुए, देश का राष्ट्रगान गाते है और एक दुसरे को आजादी की शुभकामनाएं देते हुए उनको मिठाइयाँ खिला कर उनका मुह मीठा करते है |
और इन सब कार्यक्रम के पश्चात नृत्य,साहित्य,काला,नाट्य इत्यादि समाहरोह करके खुशियाँ मनाते हैं |
निष्कर्ष :
हमारा देश इस दिन को एक एतिहासिक महत्व देता हैं| इस दिन जब राष्ट्र गान होता है तब मानो की शहीदों के स्मरण से अपने आप ही मस्तक निचे झुक जाते है |
निष्कर्ष: हमें जो आजादी इतने दिनों बाद मिली है तो हमें इसका सम्मान करते हुए, इसे कायम रखना चाहिए|
अर्थात इसका दरुपयोग नहीं करना चाहिए जैसे, घुस न लेना, गरीब तथा असहाय लोगो पर अत्याचार न करना,भ्रष्टाचार न करना इत्यादि हमें हमेशा से यह याद रखना चाहिए की हमें यह स्वतंत्रता मुफ्त में नहीं मिली हैं |