भूमिका :
मनुष्य मुख्य रूप से एक सामाजिक समुदाय का सदस्य है | मनुष्य को केवल अपने बारे में चिंतित नहीं होना चाहिए बल्कि समग्र रूप से समाज के कल्याण और उसके विकास के लिए भी चिंतित होना चाहिए, क्योंकि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है वह अकेला नहीं रह सकता है | समाज उसे जीवन के सभी सुख और आवश्यकताएँ प्रदान करती है |
समाज सेवा मनुष्य का एक ऐसा गुण है जिसके लिए वह हमेशा याद किया जाता है | लेकिन आज भी समाज में कई तरह-तरह की समस्याएँ उत्पन्न होती हैं जैसे गरीबी, निरक्षरता, जात-पात का भेदभाव, छुआछूत जैसे कई प्रकार की कुप्रथा समाज को आगे बढ़ने नहीं देती हैं |
इस पृथ्वी पर अन्य प्राणी अपने पेट के लिए परस्पर युद्ध करते रहते हैं, उन्हें एक दूसरे की चिंता नहीं रहती है | लेकिन मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, मनुष्य समूह में परस्पर मिल-जुलकर रहता है और समाज के अस्तित्व को बनाये रखने के लिए एक दूसरे के दुःख में भागिदार बनता है |