वर्षा ऋतू का आगमन :
ग्रीष्म ऋतू के पश्चात् “वर्षा ऋतू” का आगमन होता है जो बहुत ही सुखद और आनंददायक होता है | यह ऋतू जुलाई महीनें से शुरू होती है जुलाई, अगस्त के महीने में जोर की वर्षा होती है |
वर्षा ऋतु में हरियाली से धरती हरी-भरी मखमल जैसे लगने लगती है | वर्षा ऋतू को बरसात का मौसम और मानसून के नाम से भी जाना जाता है |
भूमिका 
वर्षा ऋतु के आने पर धुप की तपन कम होने लगती है लू नहीं चलती है और हवा में तरावट आ जाती है वर्षा ऋतु किसानों के लिए वरदान होती है |
क्योंकि किसान वर्षा ऋतु में खेतों में फसल उगाते है | वर्षा ऋतू के आते ही जंगल, खेत, मैदान सभी हरे भरे हो जाते हैं क्योंकि वर्षा के पानी मिलते ही उनमें जीवन संचार होने लगता है |
ऋतुओं का देश
भारत देश को ऋतुओं का देश कहा जाता है यहाँ प्रत्येक ऋतू दो-दो महीनें पर आता है | प्रत्येक ऋतू की अपनी प्राकृतिक शोभा के साथ आती है और अपने सौंदर्य को चारो तरफ फैला देती है | वर्षा ऋतू का इंतज़ार मनुष्य, पशु-पक्षी जानवर सभी को होता है |
वर्षा ऋतू गर्मी से जूझ रहे मानव तथा सभी जीवों को राहत दिलाती है, इसलिए वर्षा ऋतू का इन्तेज़ार सभी लोगों को रहता है | वर्षा ऋतू में पेड़-पौधों में रौनक आ जाती है, कुँए, नाले और नदियाँ पानी से भरके बहने लगती हैं |
वर्षा ऋतू का महत्व है
वर्षा ऋतू के पानी से खेत, मैदान, बगीचे सभी सुंदर और हरा-भरा नजर आने लगते हैं, पूरा वातावरण हरा-भरा हो जाता है और स्वच्छ और ठंडे वातावरण से आँख को सुकून मिलती है | वर्षा ऋतू का आगमन होते ठंडा हवा चलने लगती है, बादल उमड़-घुमड़कर आकाश में घिर आते हैं |
बिजली चमकने लगती है, बादलों की गड़गड़ाहट को देखते मोर बागों में नाचने लगते हैं | बारिश की बुँदे बरसने लगती हैं, वर्षा का पानी पड़ते ही पेड़ों में नए पत्ते आने लगते हैं |
लाभ
वर्षा ऋतू के बिना किसानों को कृषि संभव नहीं है, वर्षा के पानी से खेतों में अनाज उत्पन्न होता है | वर्षा ऋतू का लाभ प्रकृति को मिलता है |
वर्षा ऋतू में प्रकृति अपनी सौंदर्य को बिखेरती है | खेतों में लहराती हुई फसल का मनमोहक दृश्य बहुत अच्छा लगता है |
किसानों के लिए वर्षा
भारत कृषि प्रधान देश है, में किसानों के लिए वर्षा ऋतू का महत्व सबसे अधिक है | इंद्र देव को वर्षा ऋतू का स्वामी कहा जाता है |
वर्षा ऋतू किसानों के लिए भगवान् का दिया हुआ वरदान है, क्योंकि खेती करने के लिए अत्यधिक पानी की आवश्यकता होती है |
निष्कर्ष :
गर्मी से धरती तपकर दुखी हो जाती है, उसे शांत करने के लिए वर्षा ऋतू आती है, सूर्य की किरणों से समुद्र का पानी वाष्प बनकर बादल बन जाता है | बादल पहाड़ से टकरा कर वर्षा करते हैं |