शिक्षा पर हिंदी में निबंध – पढ़े यहाँ Shiksha Essay In Hindi

प्रस्तावना :

जीवन में सफलता पाने के लिये और कुछ अलग करने के लिए शिक्षा सभी के लिए सबसे महत्वपूर्ण साधन है | शिक्षा हमें किसी भी चुनौतियों का सामना करने में सहायता करता है | शिक्षा व्यक्ति के साथ-साथ देश के विकास में भी महान भूमिका निभाता है |

शिक्षा अब किसी भी समाज की नई पीढ़ियों के भविष्य की चमक के लिये एक महत्वपूर्ण कारक बन गया है | भारत सरकार द्वारा ५ वर्ष की आयु से १५ वर्ष की आयु के सभी बच्चों के लिए शिक्षा अनिवार्य कर दी गई है |

शिक्षा सभी के जीवन को सकारात्मक तरीके से प्रभावित करती है और जीवन में किसी भी समस्या का सामना करना सिखाती है | इसलिए जीवन के मूल्यों को समझनें के लिये शिक्षा के महत्व को समझना बहुत ही जरुरी है |

शिक्षा का महत्व:

शिक्षा हम सभी के लिए उज्जवल भविष्य के लिए एक बहुत ही आवशयक साधन है | शिक्षा का उपयोग करके हम कुछ भी अच्छा प्राप्त कर सकते हैं | शिक्षा से लोगों की समाजिक और पारिवारिक सम्मान तथा एक अलग पहचान बनाने में सहायता करता है | शिक्षा सभी को सामाजिक और व्यक्तिगत रुप से बहुत ही महत्वपूर्ण समय होता है |

ऑक्सफोर्ड अंग्रेजी डिक्शनरी के अनुसार ज्ञान का अर्थ है | ज्ञान केवल शिक्षा के माध्यम से प्राप्त किया जाता है | समानता बनाने तथा आर्थिक स्थिति के आधार पर बाधाओं और भेदभाव को दूर करने के लिए शिक्षा बहुत ही आवश्यक है |

शिक्षा हर किसी के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है | शिक्षा व्यक्ति को सकारात्मक और नकारात्मक जमानत पाने के लिए और स्थिति को संभालने के लिए सोंचने की क्षमता प्रदान करती है | शिक्षा हमारे उचित भविष्य के लक्ष्य को दिखाता है |

शिक्षा के प्रकार :

औपचारिक शिक्षा

औपचारिक शिक्षा प्रदान करने का सबसे महत्वपूर्ण स्थान विद्यालय है | विद्यालय के माध्यम से ही मातृ-भाषा, विज्ञान, गणित, भूगोल, इतिहास आदि  विषयों की शिक्षा दी जाती है | औपचारिक शिक्षा विद्यालय, महाविद्यालय और विश्वविद्यालय में चलती है |

निरौपचारिक शिक्षा

औपचारिक व निरौपचारिक शिक्षा की कमी को देखते हुए शिक्षा का एक नया रुप विक्सित किया गया है | औपचारिक शिक्षा की तरह इसके उद्देश्य व पाठ्यचर्या निश्चित होती है | इसका मुख्य उद्देश्य सामान्य शिक्षा का प्रसार और शिक्षा का व्यवस्था करना होता है | निरौपचारिक शिक्षा के बंधनों के साथ-साथ स्वतंत्रता भी होती है |

अनौपचारिक शिक्षा की कोई योजना नहीं बनाई जाती है और नहीं इसके उद्देश्य निश्चित होते हैं | अनौपचारिक शिक्षा के लिए किसी भी व्यवस्था की आवश्यकता नहीं होती है | यह शिक्षा सरल तथा प्राकृतिक रुप में होती है | अनौपचारिक शिक्षा के लिए विद्यालय की आवश्यकता नहीं होती है |

यह शिक्षा परिवार, समाज व पड़ोस से प्राप्त होती है | अनौपचारिक शिक्षा जन्म से लेकर मृत्यु तक चलती रहती है |

Updated: February 1, 2020 — 10:37 am

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