प्रस्तावना :
विज्ञान और तकनीक यह दो अलग-अलग पहलू हैं, जिसका अर्थ भी अलग-अलग हैं| विज्ञान का अर्थ होता हैं विशाल+ज्ञान अर्थात वह विशाल ज्ञान जिसका सुव्यवस्थित तथा क्रम्बंधित रुप से अध्यन किया जा सकें | और तकनीक का अर्थ यह होता हैं की, वह उपकरण या वह अविष्कार जो विज्ञान की सहायता से संभव हो पाए उसे तकनीक कहते हैं |
विज्ञान का आविष्कार
सम्पूर्ण सृष्ठी पर आधुनिक विज्ञान की खोज आधुनिक काल में हुई यह 16वीं शताब्दी से 17वीं शताब्दी के मध्य में इसका प्रारंभ हुआ था| विज्ञान की खोज यूरोप के शोधकर्ता ने क्रांति स्थापित करने हेतु किया था, उन्होंने ने विज्ञान को प्रभाषित भी किया था|
19 वीं शताब्दी में विलियम्स वेवेल नामक अंग्रेजी शब्द का पहली बार इतिहास में उपयोग हुआ था | किंतु विज्ञान की खोज असल में युरोपे के रॉजर बेकन नामक एक व्यक्ति द्वारा किया गया था, इनका मानना था, की अन्धकार के बाहर भी एक रौशनी से परिपूर्ण जीवन जिया जा सकता हैं |
वैज्ञानिक क्रांति ने पूर्णरूप से 20वीं शताब्दी में एक गति पकड़ी और 21वीं शताब्दी में तीव्रता से उन्नति की ओर बढ़ने लगी|
विज्ञान और तकनीक का आधुनिक जीवन
विज्ञान और तकनीक का आधुनिक जीवन में बड़ा ही महत्वपूर्ण भूमिका रहा हैं, जिसके कारण लोगों के जीने के तरीकों में भी काफी हद तक सुधार पाया गया हैं| आये दिन नए-नए आविष्कारों से दैनिक जीवन की शैली एक उन्नति की ओर बढती जा रही हैं|
आधुनिक जीवन में तकनीकी उन्नतियों के कारण विज्ञान ने मानव जीवन को एक सकारात्मक दृष्टी कोण देने में कारगार साबित हुई हैं| और देखते ही देखते आधुनिक युग की संस्कृति और प्रद्योगिकी पर निर्भर हो गइ हैं|
कारण की विज्ञान मनुष्यों के जरुरतो को ध्यान में रख कर और अविष्कार करने में सक्षम पाया गया हैं, और यह कुछ ही समय में हमारे जीवन के एक महत्वपूर्ण अंग के समान बन गया |
विज्ञान से लाभ
विज्ञान से हमें जितना लाभ हैं, उतना ही हानि भी हैं| हालांकि विज्ञान ने मानव जीवन को जीवन व्यतीत करने का एक विशेष तरीका भी सिखाया हैं, जिसके कारण हम अपने जीवन को और भी बेहतर ढंग से जी सकें |
आज के आधुनिक काल में हम न जाने कई ऐसे आधुनिक उपकरणों जैसे कीं मोबाइल, कम्प्यूटर, प्रिंटर, कैमरा ,गैस चूल्हा ,दूरदर्शन आदि का उपयोग कर रहे हैं, जिससे हमें बहुत ही सुख प्राप्त होता है, तथा स्वयं को श्रम से बचाने में कारगर साबित होते हैं |
विज्ञान से हानि
विज्ञान से मानव जीवन को हानि कभी भी होती हैं | किंतु इसे भी संभव मानव जीवन ने ही बनाया हैं, अर्थात विज्ञान सचमुच एक चमत्कारी खोज हैं| किंतु इसका समय-समय पर केवल अपने स्वार्थ को ध्यान में रख कर इसका उपयोग करना ये विज्ञान की हानि हैं |
विज्ञान हमें कभी भी कुछ गलत नहीं सिखाता हैं, हम और हमारी सोच ही विज्ञान को ग़लत बनाती हैं, जो की उचित नहीं हैं |
निष्कर्ष :
ईश्वर ने तो केवल सृष्टि बनाई थी, किंतु इस सृष्टि में नेए-नेए खोज मानवीय जाती ने कियें हैं, और इसे केवल और केवल अपने निजी फायदों के हिसाब से उपयोग में लाते हैं |
जिसके कारण उन्हें, कभी विज्ञान पर क्रोध भी आता हैं, तथा कभी आनंद अतः विज्ञान और तकनीक हमारे लिए अभिशाप नहीं हैं| यह एक वरदान से कम नहीं हैं |