प्रस्तावना :
हम सब इस बात से परिपूर्ण रूप से अवगत है की, जल हमारे लिए कितना आवश्यक होता है |जल मनुष्य ,प्राणी तथा पक्षी के लिए मानो की, ईश्वर द्वारा दिया गया वरदान है |
अब तक वैज्ञानिको द्वारा किये गये शोध में यह पाया गया है की, पृथ्वी ही एक ऐसा ग्रह है, जहा पर जीवन सफ्लता पूर्वक रह सकता है|
कारण की पृथ्वी पर जल पाया गया है जो की ईश्वर द्वारा दिया गया एक उपहार है| अर्थात जल की संरक्षण करे की प्रक्रिया अपने आप ही होता रहता है जिसे हम जलचक्र के नाम से भी जानते है |
जल का महत्व
हम सभी पृथ्वी वासियों को जल का महत्व को भाप लेना चाहिये | सम्पूर्ण पृथ्वी का कुल ७१%भाग जल के दाएरे में है और २0 % जल शुद्ध माना गया है ,और इसमें भी शुद्ध पीने योग्य जल के कुछ ही मात्र में ही स्थित है तथा मात्र १%अन्य गैसें है |
इसके बाद भी पृथ्वी पर स्थित बुधजिवी मनुष्य प्राणी जल का दरुपयोग कर रहा है | जिससे पीने योग्य जल कुछ ही मात्रा में रह गया है, और इससे पीने के जल की कमी के कारण जल से सम्बंधित समस्या उत्पन्न हो रही है |
जल का संरक्षण
धरती पर पीने योग्य जल कुछ ही मात्रा में उपलब्ध होने के कारण प्रत्येक व्यक्ति को जल संरक्षण से सम्बन्धित कुछ रोचक उपाय करने चाहिये|
यदि हम जल संरक्षण का स्वभाव अपने अंदर बनायेगे तो ये संभव है की जल की बचत तथा संरक्षण हो सके| जीवन को धरती पर संतुलित रखने के लिए हमें न जाने कई संसाधनों की आवश्यकता होती है| जैसे, वायु, मृदा, तथा जल |
जिसमे से एक संसाधन जल है , तो जल संरक्षण अर्थात जल का संग्रह करना होता है | जल की बचत के लिए हमें अस्पताल ,कारखाने ,विद्यालय तथा बिल्डिंग/अपार्टमेंट में इस बात की जागरूकता लानी चाहिये की, धरती पर जल तो अत्यधिक है किंतु पीने योग्य जल कुछ ही मात्रा में उपलब्ध है|
जिससे की हमें जल्द से जल्द कोई विशेष कदम उठाना चाहिये जिससे जल संरक्षण हो सके |
जल प्रदुषण की रोकथाम
अक्सर हमें अपनों गावों में यह देखने को मिलता है की, गाँव के लोग अपने पालतू पशु ,जूठे बर्तन तथा सौच कर धोना तथा साफ करना लगा रहता है|
जिससे की जल प्रदूषित होता है | इन सब के रोकथाम के लिए हमारे सरकार द्वारा कई नियम व कानून बनाये गये है जैसे की ,(एस.डी.डब्लू.अ ) सन १९७४ में लागु किया गया है |
निष्कर्ष:
जीवन के निर्वाह के लिए हमें जल और भोजन की आवश्यकता होती हि है, इसे हमें पूर्ण रूप से समझ जाना चाहिये |
आक्सीजन और हैड्रोजन के मिश्रण से पानी बनता है ,और पानी से भोजन बनता है |यदि जल ही दूषित होता रहेगा तो हमें भोजन भी नहीं मिल पायेगा | अतः भोजन और जल के बिना मनुष्य क्या ! कोई भी जिव जो पृथ्वी पर स्थित है उसका निर्वाह होना असंभव है | इसलिए हमें जल संरक्षण करना चाहिये |