सत्य के महत्व पर निबंध – पढ़े यहाँ Satya Ka Mahatva Essay in Hindi

प्रस्तावना :

दोस्तों आज का हमारा निबंध है सत्य के महत्व पर हम सभी जानते हैं की सत्य हमारे जीवन का एक हिस्सा है | सत्य ही इस संसार की सबसे बड़ी शक्ति है | आज के युग में सत्य का महत्व सबसे अधिक है, सत्य वह शब्द है जो दिखाई नहीं देता लेकिन सब कुछ करता है |

सत्य परेशां हो सकता है लेकिन कभी पराजित नहीं हो सकता है | यदि आप कोई भी कार्य कर रहे हैं और उस कार्य को आप सच्चाई के साथ कर रहे हो तो सच में आप एक दिन सबसे अधिक विकास कर सकते हैं |

सत्य का महत्व 

जीवन में सत्य का महत्व सबसे अधिक है, लोग उस व्व्यक्ति को सबसे अधिक महत्व देते हैं या पसंद करते हैं जो व्यक्ति सदा सत्य बोलता है | झूट बोलने वाले व्यक्ति को कोई पसंद नहीं करता है | जैसे किसी बात का विवाद होने पर अदालत में जज भी पूछते हैं की सत्य क्या है ? सत्य वह है जो छुपाये से कभी नहीं छुपती है |

सत्य का अर्थ 

सत्य का अर्थ है ‘सते हितम यानि की जिसमें कल्याण निहित है | भविष्य में तीन काल होते हैं, सत्य, भूतकाल, भविष्यकाल और वर्तमानकाल यह तीनो काल एक जैसे होता है | इससे यथार्थ ज्ञान होता है, जैसे कोई भी बात सत्य है तो सबसे पहले उसे समझना, जानना और कहने के अनुसार ही व्यवहार करना सत्य है |

सत्य का आचरण 

सत्‍य का आचरण करने वाले व्यक्ति से भगवान भी प्रसन्न होते हैं | जैसे की असामाजिक  तत्व, असत्य आचरण करने वाले लोग अधिक सुखी हैं | आध्यात्मिक सत्य की आचरण करने वाले लोगों को दुःख सहन करना पड़ता है | लेकिन जो लोग बेईमानी करते हैं, वो बड़े सुखी दिखते है, वे लोग केवल सुखी दिखते हैं, लेकिन सुखी हैं नहीं होते वो बस ऊपर-ऊपर से सुखी दिखते हैं |

सत्य धर्म का मार्ग होता है 

सत्य का मार्ग ही हमारे जीवन में सफलता का मार्ग है |  मानव का उद्देश्य है सत्य का  अध्ययन करना, सत्य का निर्धारण करना और उसका पालन करने से ही जीवन का लक्ष्य प्रतीत होता है | शास्त्रों में कहा गया है की सत्य का मार्ग धर्म का मार्ग होता है | इसलिए महाभारत के युद्ध में पांडवों की जीत हुई थी क्योंकि वे सत्य के मार्ग अपना रहे थे |

सत्य का पालन 

सत्य का पालन करने के लिए सत्य का ज्ञान होना बहुत ही आवश्यक है | जैसे की व्यक्ति अज्ञान, स्वार्थ, अहंकार, अंध विश्वास के पथ पर चलते समय सत्य के रूप में असत्य ही बोलते रहता है और अज्ञानी व्यक्ति अपने अज्ञान के कारण असत्य को ही सत्य मान लेते हैं |

निष्कर्ष :

जीवन में हमेशा सत्य का पालन करना परम आवश्यक है इसलिए जब हम सत्य को ग्रहण करने के लिए असत्य को पूरी तरह से अपने मन-मस्तिष्क से बाहर निकालना होगा | भारत की भूमि पर हरिश्चन्द्र जैसे राजा जो  सत्य के पथ पर चलकर  सत्यवादी कहलाए |

सत्य के महत्व पर निबंध के बारे में किसी भी अन्य प्रश्न के लिए, आप अपनी टिप्पणी नीचे छोड़ सकते हैं और हमसे पूछ सकते हैं।

Updated: November 15, 2019 — 10:22 am

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *