प्रस्तावना:
भारत सरकार द्वारा सर्वोच्च खेल पुरस्कार राजीव गाँधी खेल रत्न अलंकृत एवं सम्मानित की जानें वाली भारतीय बैटमिंटन खिलाडी साइना नेहवाल का नाम आज सभी लोगों के जुबान पर है | भारत की पहली सर्वश्रेष्ठ खिलाडी है |
साइना नेहवाल अधिक समय तक विश्व की नंबर एक की खिलाडी रही है | साइना नेहवाल आज विश्व की ८वीं वरीयता प्राप्त बैटमिंटन खिलाडी है | साइना नेहवाल सफलता पाने के लिए हमेशा अपने उद्देश्य पर निशाना साधा काम उम्र से ही बैटमिंटन खेलने में दिलचस्पी लेने लगी थी |
साइना नेहवाल का जन्म
साइना नेहवाल का जन्म १७ मार्च १९९० को हरियाणा के हिसार क्षेत्र में एक जाट परिवार में हुआ था | साइना नेहवाल के पिता का नाम हरवीर सिंह जो डायरेक्टोरेट ऑफ ऑयलसीड रिसर्च में वैज्ञानिक हैं|
साइना नेहवाल के माता का नाम उषा नेहवाल जो स्वंय हरियाणा में बैटमिंटन चैंपियन रह चुकी हैं | साइना नेहवाल वर्तमान समय हैदराबाद में अपने परिवार के साथ रहकर अपनी पढाई कर रही है|
साइना नेहवाल की शिक्षा
साइना नेहवाल की प्रारंभिक पढाई हरियाणा के हिसार से की बाद में पिता का तबादला होने के बाद साइना नेहवाल का परिवार हैदराबाद रहने के लिए आये हैदराबाद में कॉलेज की शिक्षा पूरी की| साइना नेहवाल बहुत ही शांत और शर्मीली लड़की थी जो अपने प्रारंभिक समय में एक आक्रामक खिलाडी के रूप में सामने आई |
साइना नेहवाल का बचपन
साइना नेहवाल की रूझान बचपन से ही बैटमिंटन पर था आठ साल की उम्र में ही खेलना शुरू कर दिया | साइना बैटमिंटन में सफलता पाने के लिए हमेशा अपने उद्देश्य पर निशाना साधी हर पल और हर कदम अपने टारगेट के बारे में सोंचते हुए कड़ी मेहनत की और आज साइना नेहवाल कई बड़ी उपलब्धियाँ अपने नाम कर चुकी हैं| साइना नेहवाल के पिता रोज सुबह ४ बजे उठकर बैटमिंटन की तैयारी करवानें के लिए ले जाते थे|
साइना नेहवाल का करियर
साइना के अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत सन २००३ में इंडियन सैटेलाइट टूर्नामेंट से हुआ जिसमें वह अंतिम खिलाडियों में से एक रही है | सन २००४ में कॉमवेल्थ यूथ गेम्स में साइना दूसरे स्थान पर आई थी|
सन २००५ में मित्तल चैम्पियन ट्रस्ट ने साइना नेहवाल को स्पांसर किया| सन २००६ में बिंगो बोनांजा फिलीपींस ओपन स्टाइल तथा इंडिया सैटेलाइट टूर्नामेंट जीतकर अंतराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान कायम की|
साइना नेहवाल ने सन २०१२ में लंदन ओलंपिक गेम्स में मैडल जीतकर भारत को गौरन्वित किया | साइना नेहवाल पहली भारतीय थी जिन्हें ओलंपिक में ब्रौंज मैडल जीता इस जीत के बाद पुरस्कारों की बरसात हो गई | हरियाणा, राजस्थान और आंध्रप्रदेश सरकार ने नगद राशि की घोषणा की इसके साथ ही खेल मंत्री ने साइना नेहवाल को आइएएस ऑफिसर की नौकरी ऑफर की|
निष्कर्ष :
सायना की उपलब्धियों से उनके माता-पिता ही नहीं बल्कि पूरा देश गौरवान्वित है उनका सपना विश्व की नंबर एक खिलाड़ी बनना है और साइना की परिश्रम को देखते हुए लगता है कि आने वाले वर्षों में उनका यह सपना अवश्य पूरा होगा|