राष्ट्रिय सुरक्षा पर निबंध हिंदी में – पढ़े यहाँ Safety Essay In Hindi Language

प्रस्तावना :

राष्ट्रिय सुरक्षा एक ऐसा शब्द है जिसका उपयोग आम तौर पर किया जाता है | देश के आक्रमण सुरक्षा से संबंधित होता है, राष्ट्रिय सुरक्षा भारत की आतंरिक और बाहरी स्थितियों में ज्यादा फर्क नहीं है | देश को मिटा देने के सपने पालने वाले  लोग शरहद के पार भी है और शरहद के अंदर भी हैं |

राष्ट्रिय सुरक्षा

देश की आज़ादी प्राप्त कर लेना ही अधिक नहीं होता बल्कि देश की स्वतंत्रता को बनाये रखने के लिए सतत जागरूकता की आवश्यकता होती है | देश की स्वतंत्रता और अखंडता को कायम रखने के लिए अपने साधनों से सुरक्षा-व्यवस्था को गठित करना पड़ता है | भारत की सेना देश का गौरव और हमारा विश्वास है |

राष्ट्रिय सुरक्षा अधिनियम

राष्ट्रिय सुरक्षा अधिनियम सन १९८०, देश की सुरक्षा के लिए सरकार को अधिक शक्ति देने संबंधित एक कानून है | यह कानून केंद्र और राज्य सरकार को गिरफ़्तारी का आदेश देता है |

राष्ट्रिय सुरक्षा कानून

कानून के तहत गिरफ्तार किसी भी व्यक्ति को तीन सप्ताह के अंदर सलाहकार समिति के सामने उपस्थित करता है | गिरफ्तार करने वाले अधिकारी को या सरकार को बताना होता है की उस व्यक्ति को क्यों गिरफ्तार किया गया है |

राष्ट्रिय सुरक्षा दिवस

भारत में राष्ट्रिय सुरक्षा दिवस हर साल ४ मार्च को मनाया जाता है | राष्ट्रिय सुरक्षा दिवस आने के एक सप्ताह पहले से ही चलने वाला सुरक्षा अभियान शुरू हो जाता है | किसी भी कार्यस्थलों पर सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए संपूर्ण विश्व में राष्ट्रिय सुरक्षा दिवस मनाया जाता है |

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की स्थापना

राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना ४ मार्च, १९६६ को हुई थी | इस अवसर पर तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी ने औद्यागिक सुरक्षा के लिए व्यापक चेतना जगानें का घोषणा किये थे |

राष्ट्रिय सुरक्षा के घटक

भारतीय तटरक्षक बल के पूर्व महानिदेशक एवं रणनीतिक चिंतन डॉ प्रभाकरण पलेरी ने अपनी पुस्तक में राष्ट्रिय सुरक्षा के घटक बताये हैं | जैसे आर्थिक सुरक्षा, संसाधनों की सुरक्षा, सीमा सुरक्षा, सैन्य सुरक्षा, प्राकृतिकआपदा से सुरक्षा, सुरक्षा सुचना, खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य सुरक्षा, पर्यावरण सुरक्षा, सामुदायिक सुरक्षा, साइबर सुरक्षा के साथ राष्ट्रिय शक्ति की अवधारणा अंतर्निहित है |

आज के वैज्ञानिक युग में केवल सैन्य शक्ति के बल पर युद्ध नहीं लाडे जाते हैं | नए-नए अस्त्र-शस्त्र और सैनिक की आवश्यकता भी पड़ती है |

निष्कर्ष :

देश के नवयुवकों को सैन्य प्रशिक्षण देकर रक्षा की सुदृढ़ तीसरी पंक्ति का भी गठन करना चाहिए | स्कूल और कॉलेजों में एन॰सी॰सी॰ अनिवार्य कर दी जानी चहिए ताकि आवश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त प्रशिक्षित सैनिक मिल सकें |

Updated: जनवरी 27, 2020 — 1:45 अपराह्न

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