प्रस्तावना :
इंद्रधनुष बरसात के दिन आसमान में दिखाई देता हैं | इंद्रधनुष को इंग्लिश में (Rainbow) कहा जाता हैं | सन १२३६ में सबसे पहिले इंद्रधनुष के बारे में पर्सियन खगोलविद क़ुतुब अल दिन सिराजी ने बताया था |
इंद्रधनुष देखने से मनुष्य के शरीर को सकारात्मक ऊर्जा मिलती हैं | इंद्रधनुष हमेशा सात रंगों में दिखाई देता हैं | यह सात रंगों का झुला के नाम से भी जाना जाता हैं |
इंद्रधनुष के सात रंग
इंद्रधनुष लाल, पिला, हरा, नारिंगी, नीला और हल्का नीला, बैगनी यह सात रंग से मिलकर बनता हैं | इंद्रधनुष दिखने से सूर्य और वर्षा का मेल होता हैं |
इसे इंद्र का धनुष भी कहा जाता हैं क्यों की इंद्र देव को बारिश का देवता समझते हैं | इंद्रधनुष यह गोल आकर में दिखाई देता हैं |
इंद्रधनुष कैसे बनता हैं
इंद्रधनुष के दिन बारिश की बुँदे सूर्य के किरणों पर पड़ती हैं उसके बाद वो तिरछी नजर में दिखाई देती हैं |
जब बारिश के बूंदों से निकलते समय उसका प्रतिबिम्ब बनती हैं और सूर्य की किरने कई कोनो पर पड़ती हैं तब इंद्रधनुष तैयार हो जाता हैं | सूरज की किरने सात रंगों में बिखर जाती हैं |
इंद्रधनुष का महत्व
जब इंद्रधनुष बरसात के दिन दिखता हैं तब बहुत अच्छा लगता हैं | सभी बच्चे लोग इंद्रधनुष को देखते ही खुश हो जाते हैं | इंद्रधनुष के ऊपर बहुत सारी कविताए भी की गयी हैं |
साहित्य लेखन में भी इंद्रधनुष का बहुत महत्व में इंद्रधनुष के रंगों का समावेश किया गया हैं | इसके बारे छोटे बच्चे लोग को स्कूल में पढाया भी जाता हैं |
निष्कर्ष :
बारिश के मौसम में यह एक सुन्दर दिखने वाला एक दृश्य हैं | यह इंद्रधनुष देखने के लिए बारिश के मौसम में बहुत अच्छा लगता हैं |