प्रस्तावना :
प्रदुषण यह एक नुकसानदायक रसायन का मिश्रण होता है| जो की भू के गर्भ में से उत्पन्न होती है| (या फिर हम ये भी कह सकते है,की विदेशी पदार्थ और प्राकर्तिक अवशेषों का मिश्रण होता है) और इसी कारण प्रदुषण होता है और मानवजाति पर इसका कुप्रभाव पड़ता है प्रदुषण यह एक बड़ी समस्या बन गयी है|
जिसके कारण बूढ़े ,बच्चो ,पशु तथा पक्षियों पे भी इसका कुप्रभाव पड़ता है यहाँ तक की न जाने इसके कारण कई प्रकार की भीमरिया भी जन्म लेती है.
प्रदुषण के प्रकार
प्रदुषण यह कई प्रकार के हो सकते है जैसे….
वायु प्रदुषण, ध्वनि प्रदुषण, मृदा प्रदुषण ,जल प्रदुषण इत्यादि… वायु प्रदूषण यह दिन पे दिन बढ़ते हुए मोबाइल्स से होता है। और औद्योगिक क्षेत्रो से निकलने वाले रासायनिक धुएं , जेहिरिली गैसे ,बीड़ी /सिगरेट के धुए से ,घुले हुए ठोस पदार्थ से ही होता है|
इस का एक मुख्य कारण यह है, की ये सर्वप्रथम हमारे द्वारा ले जानेवाले स्वास में मिश्रित हो जाता है
ध्वनि प्रदुषण
दूरध्वनी ,हेड फ़ोन , भारी बाजे (दी जे ) के कारन हमरे कान को नुकसान पहुँचता है जिसके करण हमें बहरापन की परेशानी हो सकती ही।
मृदा प्रदुषण
यह एक ऐसा तत्व है जो की सम्पूर्ण धरती पर उपलब्ध है | जिसे हम आसन भाषा में मिटटी कहते है ,कुछ स्थानों पर उपजाऊ मिटटी है तो कुछ स्थानों पर अनुपजाऊ मिटटी है अत: मनुष्य होने के कारण हमें अपने धरती की रक्षा करना चाहिए|
हालांकि, अत्यधिक तकनीकी उन्नति के कारण ये मुमकिन नहीं है।रासायनिक खड़ा ,कीटनाशक दवाइयों , औद्योगिक कचरो आदि के इस्तमाल के कारन चोदे गए जेहरीले तत्वा के करण मिटटी प्रदूषित होती है जिस्सके कारण इसकी उर्वरता /उपजाऊपन मि कमी होती है अर्थात भू बंजर हो जाती है
जल प्रदुषण
जल ही जीवन है ये तो बहुत से लोग जानते है लोगो के उद्योग से /व्यवसाय से निकलने वाले प्रदूषित रसायन के कारण भी जल प्रदुषण होता है जिसके कारण जल में स्थित नूट्रीशियन ,ऑक्सीजन की मात्रा में कमी होती है , लोगो द्वारा जल का वार्ता कारना भी एक जल प्रदुषण का ही हिस्सा है।
निष्कर्ष
इस प्रदूषण का निष्कर्ष ये ही निकलता है। की ,लोगो में इसके प्रति जागरूकता लानी बहुत ही जरूरी है प्रदुषण धरती पे ज्यादा से जयादा मानव जाती ही कर रही है,अर्थात हमें स्वतः प्रदुषण के खिलाफ कदम उठाना होगा,
जैसे हमरे भारत के प्रधान मंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी ने पहल की जिसे नाम दिया गया स्वत्छ भारत अभियान यह अभियान संपूर्ण रूप से माननी प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्वा में लागु किया गया था|
महात्मा गाँधी के १५० वे जन्मदिन २ अक्टूबर राजगढ़ नई दिल्ली में। प्रदुषण यह केवल किसी एक देश की समस्या नहीं है बल्कि ये हर देश में है तो हमें इसके विरोध में एक जुट होकर कोई ठोस कदम उठाना होगा। नहीं तो ये हमरे पुरे ग्रह ( पृथ्वी ) के लिए एक जटिल समस्या बन जाएगी और तब मानव जाती के हाथ में कुछ नहीं रहा जायेगा इत्यादि .