Pateti

पतेती उत्सव पर निबंध – पढ़े यहाँ Pateti Essay in Hindi

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By hindiscreen

प्रस्तावना :

पतेती यह पारसी लोगों का उत्सव है | प्राचीन काल से ही पारसी समुदाय के लोग जोरास्टर धर्म के समर्थक हैं | पारसी समुदाय के लोग जौरास्टर कैलेंडर के नए साल, से पहले की शाम को मनाते हैं | इस दिन वे लोग आग के मंदिर या फिर अगिअरी जाते हैं |

वे लोग आग को अहुरा मज़्दा का प्रतीक मानकर उनकी पूजा करते हैं| परन्तु इस उत्सव के दिन पारसी समुदाय के लोग अच्छे विचार रखने, अच्छे शब्द बोलनें तथा अच्छे कर्म करनें की कोशिश करते हैं |

पतेती उत्सव कब मनाया जाता है पतेती

पतेती उत्सव १९ अगस्त को नव वर्ष के रूप में पारसी समुदाय के लोग बड़े ही धूम-धाम और खुशियों के साथ मनाते हैं | पतेती उत्सव को नव वर्ष और नवरोज भी कहा जाता है | जिस तरह से हिंदू और मुस्लिम धर्म के लोग अपना उत्सव मनाते हैं, उस तरह से पारसी समुदाय के लोग भी अपना उत्सव बड़े ही धूम-धाम के साथ मनाते हैं |

पतेती उत्सव पर सभी घरो में एक महीने पहले से तैयारी शुरू को जाती है, क्योंकि यह उत्सव पारसी समुदाय के लोगों के लिए खुशियाँ लेकर आता है |

पतेती उत्सव क्यों मनाया जाता है पतेती उत्सव क्यों मनाया

पारसी समुदाय के अनुसार ३००० वर्ष पहले इरान में साह जमशेद इस दिन सिहांसन पर बैठे थे | और पारसी समुदाय के लोग नें साह जमशेद का जलाभिषेक किया और सिहांसन पर बैठाए थे | तभी से पारसी समुदाय के लोग इस दिन को नव वर्ष के रूप में मनानें लगे थे |

इस दिन से पारसी समुदाय के लोग प्रति वर्ष पतेती उत्सव बड़े ही धूम-धाम से मनाते हैं | अग्नि को ईश्वरपुत्र समान और अत्यंत ही पवित्र माना जाता है | इसी के मद्धम से अहुरा मज्दा ही पूजा की जाती है | फारसी में आतिश का अर्थ होता है अग्नि |

पतेती उत्सव कैसे मनाते हैं पतेती उत्सव कैसे मनाते

पतेती उत्सवपारसी समुदाय के लोगों के लिए खुशियाँ लेकर आता है | इस उत्सव की तैयारी एक महीनें पहले से शुरू किया जाता है | इस दिन लोग अपने घरों को साफ करते हैं, दरवाजे पर रंगोली की डिजाईन निकलते हैं, तथा तोरण और फूल लगाते हैं |इस दिन सभी घरो में मछली, पुलाव, मीठा रवा, सवैया और भी तरह-तरह के पकवान बनाए जाते हैं |

पारसी समुदाय के लोग इस दिन पुरुष पारंपरिक पोशाक,दागली, पहनते हैं और महिलायें गारा साड़ी पहनती हैं |इस उत्सव पर लोग एकत्रित होते हैं, और अपने भावनाओं को व्यक्त करते हैं | पारसी समुदाय के लोग इस कार्यक्रम में उपस्थित होते हैं, और ख़ुशी-ख़ुशी एक दुसरे के गले लगते हैं |अगिअरी में पूजा किया जाता है, और आग को चंदन अर्पित किया जाता है | पारसी लोग अपने घरो पूजा-पाठ करते हैं |

निष्कर्ष :

पारसी लोग एक ईश्वर को मानते हैं, जिसे अहुरा मज्दा कहा जाता है | परंतु अहुर मज्दा अवस्ताई भाषा में प्राचीन ईरानी धर्म के एक देवता का नाम है, पारसी धर्म प्राचीन काल से प्रचलित धर्म है |

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