प्रस्तावना :
हम जहाँ भी निवास करते है, उसे हम घर कहते है| और ऐसे न जाने कई घरो को मिलकर एक गाँव बनता है, कई गाँव को मिलकर ग्राम बनता है, और ग्राम से राज्य और राज्य से देश प्रयेक गाँव में समाझिक लोग भी निवास करते है|
अतः इन्ही समाजो से मिलकर हमारा देश बना है| और इसी देश के प्रति कुछ हमारे कर्तव्य बनते है|
और जिस देश में हम निवास करते है उसे भारत कहते हैं और भारत को हमें किसीने भिंक में नहीं दिया हैं बल्कि इसे पाने के लिए हमने बलिदान दिया हुआ हैं|
एक देश और उससे सम्बंधित कुछ कर्तव्य
भारत देश में न जाने कई प्रकार के सोच रखनेवाले लोग रहते है| तथा भिन्न-भिन्न धर्म जाती को मानने वाले भी लोग यहाँ पर स्थित है| जो की एक भारत देश में ही ऐसा पाया जाता हैं|
प्रत्येक देश के उज्जवल भविष्य के लिए देश में निवास करनेवाले नागरिको को देश के प्रति बनाये गएँ कर्तव्य का पालन करना चाहिए|
देश में विविधता में एकता
भारत देश में कुल ८ धर्म, २२ भाषाएँ तथा निम्न प्रकार के जाती के लोग निवास करते है| जिस प्रकार एक देश में भिन्न-भिन्न प्रकार के लोग रहते हैं उसी प्रकार से उनके भिन्न-भिन्न कर्तव्य भी हैं |
फिर भी हम एक साथ भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में निवास करते हैं| देश के प्रति जो भी कर्तव्य है वो सर्वप्रथम ऊँचे पद पर स्थित अधिकारीयों का हैं|
यदि प्रत्येक अधिकारी अपना कर्तव्य निष्ठा पूर्वक और ईमानदारी से करें तो देश को प्रगति करने से कोई भी नहीं रोक सकता|
और देश के नागरिको को राजनितिक नेताओं को वोट देते हुए यह सोच-समझकर देना चाहिये| जिससे कोई भी नेता भ्रष्टाचार को बढ़ावा न दे सके |
देश के प्रति हमारा कर्तव्य
देश के प्रति हमारा कर्तव्य यह है, की कही पर कुछ गलत न होने दे जिससे किसी को बड़ी हानि नहीं पहुंचे| हमें अपने देश द्वारा बनाये गए कानून तथा निर्देशों के दायरे में रहकर कोई भी कार्य को करना चाहिये |
जिससे कोई अफवाह और किसी को कोई गलतफ्मली न हो| हमारे सम्पूर्ण भारत देश में यदि कोई अपने कर्तव्य का पालन करता है, तो वो केवल भारतीय सैनिक है, जो की कोई भी परिस्थिति में अपने कर्तव्य को श्रेष्ठ मानते है| जिससे कोई भी संकट हमारे देश तक पहुँचने से पूर्व हमारे सैनिको से होकर गुजरती है|
“हां हमारे कई सारें कर्तव्य है जैसे साफ़-सफाई , भ्रष्टाचार , बेटियों को आगे बढ़ने का मौका देना चाहिये, भ्रूण हत्या पर रोक, प्रदुषण पर रोक (खास तौर पर जल प्रदुषण पर रोक ) तथा सरकार द्वारा बनाये गए नियमों” का पालन करना चाहिये इत्यादि|
निष्कर्ष :
हमें अपने देश के प्रति अपने वतन के प्रति ईमानदार रहना चाहिये तथा हमें अपने मौलिक अधिकारों के बारे में भी समय-समय पर जानकारी लेते रहना चाहिये| जिससे हम अनजान रह कर कोई गलत कदम उठा कर कोई चुक ना कर बैठे और अपने देश के प्रति प्रत्येक कर्तव्य को निष्ठां पूर्वक तथा ईमानदारी से निभाना चाहिये|