प्रस्तावना:
प्राकृतिक आपदा यह अन्य कारणों की वजह से निर्माण हो जाती हैं | मनुष्य इस प्रकृति से बहुत सारी चीजे प्राप्त होती है | मनुष्य अपना स्वार्थ या सुख – सुविधां पूरी करने के लिए पर्यावरण का नाश करता हैं |
इसलिए उसे विविध समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं | प्राकृतिक आपदा यह अचानक से निर्माण हो जाती हैं |
मानव निर्मित कार्य
मनुष्य पर्यावरण अपनी सुख – सुविधाओं के लिए पर्यावरण का नाश कर रहा हैं | उसकी वजह से पर्यावरण का संतुलन बिगड़ रहा हैं | देश की लोकसंख्या हर दिन बढ़ते जा रही थी | इसलिए मनुष्य की जरुरत बढ़ गयी हैं |
इन दोनों की वजह से प्राकृतिक संसाधनों में सबसे ज्यादा परिणाम हो रहा हैं | पेड़ों की कटाई करने से वनों और जंगलों का नाश हो रहा हैं | खनिज पदार्थों के लिए खानों का दुपयोग होने लगा हैं |
इन सभी की वजह से प्राकृतिक आपदा निर्माण होने में महत्वपूर्ण भूमिका होती हैं | मनुष्य को अपना जीवन जीने के लिए जल की बहुत जरुरत होती हैं | मनुष्य की जरुरत बढ़ने के कारण भू – जल का स्तर कम होता जा रहा हैं |
प्राकृतिक आपदा के प्रकार
प्राकृतिक आपदा के बहुत सारे प्रकार हैं | जैसे की जंगलों में आग, बाढ़, मुसलधार बारिश, बिजली गिरना, सुखा, भूकंप, सुनामी, बादल फटना इ प्राकृतिक आपदा विभिन्न प्रकार हैं |
बाढ़
जब ज्यादा वर्षा होने के कारण नदियों का स्तर बढ़ जाता हैं और बाढ़ जैसी समस्या निर्माण हो जाती हैं | हर साल इसका लोगों को सामना करना पड़ता हैं | बहुत भारी बाढ़ आने के कारण जान – माल का बहुत नुकसान होता हैं | बाढ़ आने के कारण बहुत सारे बेघर हो जाते हैं | बहुत सारी आर्थिक समस्या झेलनी पड़ती हैं |
भूकंप
जब धरती के निचले भाग में कंपन होने लगता हैं और धरती हिलने लगती हैं तब भूकंप की समस्या निर्माण हो जाती हैं | जिस जगह पर भूकंप आता हैं वहां पर अधिक विनाश हो जाता हैं |
भूकंप यह प्राकृतिक आपदा का सबसे विनाशकारी रूप हैं | भूकंप की वजह से ईमारत, मकान उध्वस्त हो जाते हैं | इसकी वजह से हजारो लोगों की मृत्यु हो जाती हैं |
सुनामी
जब समुंद्र के अंदर भूकंप आता हैं तब समुंद्र की तीव्र हलचल होने लगती हैं और सुनामी निर्माण हो जाती हैं | समुंद्र में सुनामी आने के कारण ऊँची – ऊँची लहरे उठती हैं और आसपास की गावों का विनाश करती हैं |
प्राकृतिक आपदा का प्रभाव
प्राकृतिक आपदा का सबसे ज्यादा परिणाम पर्यावरण पर होता हैं | इसकी वजह से प्रदुषण और गर्मी की मात्रा अधिक बढ़ जाती हैं | पशु – पक्षियों पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता हैं |
मनुष्य प्राकृतिक आपदाओं को रोक नहीं सकता हैं | यह प्राकृतिक आपदा अचानक से निर्माण हो जाती हैं |
निष्कर्ष:
अगर प्राकृतिक आपदाओं से बचना हैं तो मनुष्य को पर्यावरण का विनाश नहीं करना चाहिए | जितना मनुष्य प्रकृति का विनाश कम करेगा तभी हम ऐसी आपदाओं से बच सकते है |