प्रस्तावना:
हर किसी को अपने आचार-विचारों को प्रदान करने के लिए भाषा की जरुरत होती हैं | दूसरों की बात समझने के लिए और अपनी बात कहने के लिए भाषा एक सबसे अच्छा साधन हैं | उसी तरह एक देश की असली पहचान उस देश की राष्ट्रभाषा और संस्कृति से होती हैं | इसलिए हमारे देश की राष्ट्रभाषा यह हिंदी हैं |
राष्ट्रभाषा का अर्थ –
राष्ट्रभाषा का अर्थ होता है, राष्ट्र या देश की भाषा | अर्थात एक ऐसी भाषा जिसका उपयोग देश का हर एक नागरिक कर सके | देश की राष्ट्रभाषा लोग आसानी से बोल सके, लिख सके और पढ़ सके |
हर एक देश की राष्ट्रभाषा विभिन्न होती हैं | जिस देश का राज्य कार्य जिस भाषा में होता हैं और जो भाषा सभी आसानी से बोल सकते हैं उसे राष्ट्रभाषा का दर्जा दिया जाता हैं |
हिंदी भाषा का इतिहास
सन १९१८ में हमारे देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी ने हिंदी साहित्य सम्मलेन में हिंदी भाषा को हमरे देश की राष्ट्रभाषा बनाने के लिए कहाँ था | हिंदी भाषा को १४ सितम्बर १९४९ को यह गौरव प्राप्त हुआ |
लेकिन २६ जनवरी, १९५० को हमारे देश का भारतीय संविधान बना | इस संविधान के अनुसार इस हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिया गया |
हिंदी भाषा की विशेषता
हिंदी भाषा को संस्कृत भाषा का बड़ी बेटी कहाँ जाता हैं | हिंदी भाषा लिखने, पढने और बोलने में अत्यंत सरल हैं | संसार का कोई भी व्यक्ति इस भाषा को कुछ ही समय के बाद हिंदी बोलना और लिखना सीख सकता हैं |
इस हिंदी भाषा की दूसरी विशेषता यह हैं की, यह भाषा लिपि के अनुसार चलती हैं | इस भाषा में जैसे लिखा जाता हैं वैसे ही बोला जाता हैं |
हिंदी भाषा की मुख्य विशेषता है कि, संसार के सभी भाषाओँ के शब्द इस भाषा में घुलमिल जाते हैं | यह भाषा हर स्कूल, कॉलेज और महाविद्यालयों में पढाई जाती हैं |
इस भाषा का साहित्य सबसे विशाल हैं | यह भाषा देश में एकता लाने में सबसे महत्व भूमिका निभाती हैं |
कार्यक्रमों का आयोजन
हमारे भारत देश में हर साल १४ सितम्बर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता हैं | इस दिन बहुत सारे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता हैं | हिंदी दिवस स्कूल, कॉलेज और सरकारी संस्थाओं में विशेष रूप से मनाया जाता हैं |
हिंदी दिवस के अवसर पर स्कूल और कॉलेज में निबंध लेखन, वाद विवाद, सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं | इस दिन सरकार के द्वारा पुरस्कार प्रदान किये जाते हैं |
सरकार ऐसे लोगों को पुरस्कार प्रदान करती हैं जिन लोगों ने हिंदी भाषा का प्रचार और प्रसार करने के लिए अपना बहुमूल्य समय इस देश के लिए लगा दिया हैं |
निष्कर्ष:
हिंदी भाषा यह राष्ट्रभाषा ही नहीं हैं बल्कि समरक भाषा भी हैं | यह भाषा देश के स्सभी लोगों को एकता के सूत्र में बांधने का कार्य करती हैं |
इसलिए हम सभी को अपनी राष्ट्रभाषा पर गर्व होना चाहिए, हम हिंदी भाषी हैं | हम सभी को अपने देश की राष्ट्रभाषा का सम्मान करना चाहिए |