प्रस्तावना :
नारी की शिक्षा को लेकर अनेक योजनाएं लागु की गई हैं | जिससे नारी को हर क्षेत्र में आगे बढ़ने का मौका दिया जा रहा है | बदलते समय के साथ आज नारी का शिक्षित होना बहुत ही जरुरी हो गया है | यदि नारी शिक्षित होगी तभी आने वाली पीढ़ी का निर्माण भी पढ़ा लिखा होगा |
यदि देखा जाये तो शिक्षा हर किसी के जीवन का अभिन्न अंग है | शिक्षा के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है | भारत जैसे विकसित देश में महिलाओं को शिक्षित बनाने का कोई महत्व नहीं दिया गया है | हमारे देश में पहले की तुलना में आज हर एक जगह प्रगति और विकास देख सकते हैं |
भारत देश में आज भी नारी शिक्षा पर ध्यान नहीं दिया जाता है | जिससे हमारे समाज का एक तबका पिछड़ा हुआ रह जाता है | भारत देश शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ा हुआ देश है | लेकिन इसके पीछे कई कारण है जैसे की रुढ़िवादी, विचारधारा, गरीबी और लोगों की गलत सोंच के कारण ही आज हमारा देश विकासशील देशों की श्रेणी में आता है |
२१वीं सदी के भारत में शिक्षा के क्षेत्र में बहुत ही सुधर हुआ है | लेकिन नारी शिक्षा आज भी पिछड़ी हुई है | हमारे देश में पहले से ही नारी की शिक्षा को महत्व नहीं दिया गया है | जिसके कारण आज भी नारी को शिक्षा के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है | हमारे देश में महिलाओ और पुरुषों की संख्या लगभग बराबर है लेकिन जब शिक्षा के क्षेत्र में आज भी पीछे हैं |
देश की आज़ादी के बाद के समय तक नारी शिक्षा को लेकर किये गये प्रयासों में भी बहुत प्रगति हुई है | विश्व में बाकि देशों से पीछे नारी शिक्षा की कमी का ही होना है | भारत में नारी शिक्षा को लेकर गंभीरता इसलिए कम है क्योंकि समाज में नारी पर अनेक प्रकार की पाबंदियाँ लगाईं गई हैं |
नारी शिक्षा के लिए भारत सरकार द्वारा चलाई गई योजना :
- सर्व शिक्षा अभियान
- राष्ट्रिय महिला कोष
- महिला समृधि योजना
- इंदिरा महिला योजना
- महिला की प्रगति के लिए विभिन्न कार्यक्रम
- रोजगार प्रशिक्षण केंद्र
सर्व शिक्षा अभियान राष्ट्रिय योजना है जो भर सरकार द्वारा चलाया गया है | सर्व शिक्षा अभियान का मुख्य उद्देश्य ५ साल से लेकर १४ साल तक के बच्चों के लिए उत्तम शिक्षा का देना है | यह अभियान पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा शुरु की गई इस योजना का लक्ष्य २०१० तक सभी अपने बच्चों की ८ साल की शिक्षा पूरी करना सुनिश्चित है | सरकार ने पुरुष की तरह नारी को भी समान अधिकार दिये हैं | नारी शिक्षा पर अधिक जोर दिया जा रहा है |