नारी पर अत्यचार – पढ़े यहाँ Nari Par Atyachar Essay In Hindi

प्रस्तावना :

दोस्तों कहा जाता है, की नारी का कोई घर नहीं होता है | लेकिन मैं तो कहती हूँ की नारी के बिना कोई घर नहीं होता है | नारी अत्याचार की घटना में आय दिन हमें न्यूज़ और अखबारों में सुनने मिलता है |

जैसे कहीं बलात्कार, कहीं एसिड डालकर चेहरा जला देना, और दहेज़ उत्पीड़न यह दिनों-दिन नारी पर अत्याचार का घटनाओं में मानों उफान सा आ गया है | ऐसा कोई भी दिन नहीं देश के कई कोनें से महिलाओं पर अत्याचार की घटनाओं का खबर सुनाई ना दे |

बलात्कार और विशेषतः सामूहिक बलात्कार की घटनाएं आम बनती जा रही है | बिना किसी वयस्क के बारे में सोंचते हुए जब चार साल, छः साल, आठ साल, की बच्चियों के साथ बलात्कार की घटनाएँ घटती हैं | समझ में नहीं आता है की क्या हो गया है हम सभी को |

किसी पर भी अत्याचार किसी सभ्य समाज की निशानी नहीं हो सकती है | नारी को भी वह सभी प्राकृतिक अधिकार हांसिल है जो की एक पुरुष को है | नारी कमजोर नहीं होती हैं उन्हें पुरुषों द्वारा कमजोर बनाया जाता है | प्राचीन काल से ही महिलाएँ बहुत हिम्मत वाली थी |

नारी को महान कहा जाता है – क्योंकि सती सावित्री ने तो यमराज से अपने पति की प्राण भी मांग ली थी| दिल्ली के निर्भया कांड ने पुरे देश को झकझोर कर रख दिया है | इस कांड ने सिर्फ देश को ही नहीं बल्कि विश्व भर के स्वरुप को जगजाहिर किया है | यह मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना है |

नारी पर अत्याचार को रोकने के लिए युवा पीढ़ी को महिलाओं के प्रति अपनी सोंच को बदलना होगा | जहाँ नारियों का सम्मान किया जाता है वहां देवता बसते हैं | देखा जाए तो नारी पर सर्वाधिक अपराध तो हमारे देश में ही होता है |

पहले की तुलना में नारी पर अत्याचार अधिक बढ़ रहे हैं | यदि अत्याचार बढ़ रहे हैं तो इसका कारण भी है | जैसे टीवी चैनल है, फिल्मों में महिलाएं की छवि कुछ इस तरह दिखाई जाती है | की वह औरत नहीं कोई चीज हो, टीवी चैनल पर और आज कल फिल्म एक प्रकार से लोगों की मानसिकता को ख़राब करती है |

जिसके कारण कुछ लोग नहीं समझ पाते हैं की औरत जननी है, माँ है | बलात्कार के आलावा भी उन पर दहेज़ के लिए भी मारा जाता है | आज-कल लोगों को शादी में किसी की बेटी मिलती है वो काम नहीं हैं | उन्हें दहेज़ चाहिए रहता है | दहेज़ न मिलने पर किसी की बेटी और बहन को प्रताड़ित किया जाता है |

लोगों को अपने सोच को बदलना होगा क्योंकि यदि हमारे मन में ही गलत सोंच नहीं है तो यह सब बाते कोई कोई मायने नहीं रखती हैं | सरकार द्वारा बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओ के इस अभियान के जरिये निरंतर बालिकाओं को जन्म देने और उन्हें शिक्षित करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है |

Updated: फ़रवरी 1, 2020 — 10:26 पूर्वाह्न

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