प्रस्तावना:
मैना यह बहुत ही सुंदर पक्षी हैं | इसकी आवाज बहुत मधुर होती हैं | यह चिड़िया के रूप में दिखती हैं | यह पक्षी देश के हर एक भाग में पायी जाती हैं | मैना यह पक्षी ज्यादा तो गाँव के मैदानों और जलाशयों के पास पायी जाती हैं |
मैना पक्षी की शरीर रचना
मैना भूरे रंग की होती हैं | इसके गर्दन काले रंग की होती हैं | मैना इस पक्षी की चोंच नारंगी रंग की होती हैं और आँखों के चारों तरफ का भाग लाल होता हैं |
मैना यह पुरे भारत देश में पायी जाती हैं | एशिया में भी पायी जाती हैं | मैना दिखने में बहुत अच्छी लगती हैं लेकिन इसके पाँव बहुत ताकदवान होते हैं |
मैना की प्रजाति
मैना पक्षी की कई प्रजाति पायी जाती हैं | जैसे की गुलाबी मैना, पहाड़ी मैना, पवई मैना और भारतीय मैना इत्यादि, अलग-अलग प्रजातिया पायी जाती हैं |
गुलाबी मैना
यह सुंदर चिड़िया होती हैं | इसका शरीर गुलाबी रंग का होता हैं |
पहाड़ी मैना
पहाड़ी मैना ज्यादा तो पहाड़ी और जगली क्षेत्र में पायी जाती हैं | इस पहाड़ी मैना को पालतू पक्षी के रूप में पाला जाता हैं | इस मैना की आवाज सबसे मधुर होता हैं | यह पक्षी मेघालय और छत्तीसगढ़ राज्य का राष्ट्रीय पक्षी हैं |
पवई मैना
इस मैना को ‘ब्राह्मणी मैना’ भी कहा जाता हैं | पवई मैना भारत देश के दक्षिण एशिया में पायी जाती हैं | इस मैना का आवाज शिटी की तरह होता हैं | यह पवई मैना बहुत शोर मचाती हैं | यह मीठी बोली बोलने वाला पक्षी हैं |
मैना का भोजन
मैना पक्षी कीड़े मकोड़े, फल और दाने यह सब खाती हैं | यह सर्वहारी होती हैं |यह ज्यादातर जहां लोग रहते हैं, वहा पर देखने के लिए मिलती हैं | मैना पक्षी दूसरों के घोसलें में जाकर अंडे देती हैं और जुलाई के समय में ही अंडे देती हैं |
इनके अंडे का रंग नीला होता हैं | कम से कम एक समय पे मैना ४ से ५ अंडे देती हैं | यह पक्षी पेड़ों और दिवारों में छेदों में घोसलें बनाकर रहती हैं |
निष्कर्ष:
मैना यह दिखने में छोटा और सुंदर पक्षी हैं | मैना अलग अलग प्रकार आवाज भी निकालती हैं | मैना दिन में कई बार सोती हैं |