प्रस्तावना:
हर इंसान को रहने के लिए घर की जरुरत होती है | इसलिए हर इंसान के पास अपना खुद का घर होता है | घर यह एक सबसे अच्छी जगह होती है | हर इंसान अपने घर से बहुत प्यार करता है |
किसी का घर छोटा तो किसी का घर बड़ा होता है | लेकिन सभी लोग अपने – अपने घर से बेहद प्यार करते है | इसलिए घर एक प्यार, देखभाल और एक दुसरे के मेल – मिलाप का प्रतिक माना गया है |
परिवार
मेरा घर सबसे सुंदर है | मुझे मेरा घर बहुत पसंद है | मेरे घर में सभी लोग प्रेमभाव और प्यार से रहते है | मेरा घर सबसे बड़ा घर है |
मेरे घर में दादा – दादी, चाचा – चाची, मम्मी – पापा, भाई और चाचा का एक लड़का और लड़की इत्यादि. लोग रहते है | मेरा घर दिखने में बहुत बड़ा है |
घर की रचना
मेरे घर सभी लोगो के लिए अलग – अलग कमरे बनाये गए है | इन कमरों में से एक कमरा जो है वो पूजा घर है | हमारे दादाजी हर दिन भगवान की पूजा करते है | मेरे घर में एक छोटासा पुस्तकालय भी है |
मेरे दादाजी को पुस्तके पढ़ने का बहुत शौक था | इसलिए उन्होंने हमारे लिए बहुत सुंदर सुंदर पुस्तके पढने के लिए राखी थी |
बगीचा की सुंदरता
मेरे घर के सामने एक बहुत बड़ा आँगन है | उस आँगन में एक तुलसी मैया का पेड़ लगा हुआ है | उस पेड़ की हर दिन पूजा की जाती है | मेरे घर के बाहर एक छोटासा बगीचा बना हुआ है |
उस बगीचे में अन्य प्रकार के पेड़ पौधे है | बगीचे में सुंदर सुंदर फुल और हरी घास लगी हुई है | बगीचा मेरे घर की सुंदर ता और बढ़ा देता है | मेरे घर के सभी लोग पौधों को हर दिन पानी देते है |
निष्कर्ष:
मुझे मेरा घर बहुत अच्छा लगता है | मुझे मेरे घर से बहुत प्यार मिलता है | सभी लोग मुझे बहुत प्यार करते है |
हमारे घर से हमें बहुत आनंद मिलता है | हम सभी के लिए हमारा घर ही एक सुखी संसार है | इसलिए मुझे मेरे घर पर गर्व है | मेरा घर सबसे प्यारा घर है |