प्रस्तावना:
तोता यह एक बहुत ही सुंदर और मध्यम आकार का पक्षी हैं | यह पक्षी ज्यादातर गर्म देशों में पाया जाता हैं | तोता पुरे विश्व के हर एक देश में पाया जाता हैं | यह दिखने में बहुत सुंदर दिखता हैं | ज्यादातर लोग इसे अपने घरों में पाल कर रखते हैं |
तोते की शरीर रचना
हमारे भारत देश में तोता यह पक्षी हरे रंग में पाया जाता हैं | यह पक्षी अन्य देशों में सफ़ेद, नीले, सतरंगी, पीला और लाल रंगों में भी पाया जाता हैं |
तोते की लम्बाई १० से १२ इंच तक होती हैं | तोते के गले के चारों तरफ काले रंग की रिंग होती हैं | उसे हिंदी में कंठी कहा जाता हैं | तोते की आँखे काली और चमकदार होती हैं | तोते का सर इसके शरीर की मुकाबले बहुत छोटा होता हैं |
इसकी चोच लाल रंग की होती हैं और अन्य पक्षियों की तरफ सीधी नहीं होती हैं | तोते की चोच का उपरी भाग मुडा हुआ होता हैं |
तोते का भोजन
तोता यह पक्षी सर्वभक्षी होता हैं | यह पक्षी फल, फुल, पत्तियां, अनाज और छोटे कीड़े भी खाता हैं | लेकिन तोते को मिर्च सबसे ज्यादा पसंद होती हैं | तोते को आम और अमरुद जैसे फल भी इन्हें प्रिय होते हैं |
तोते का खाना खाने का तरीका भी सबसे निराला होता हैं | तोता यह पक्षी किसी भी चीज को अपने पंजों से आसानी से पकड़ लेते हैं | फिर उसे चोंच से काट – काटकर बड़े चाव से खाते हैं |
तोते की प्रजाति
पुरे दुनिया में तोता इस पक्षी की लगबग ३५० से भी ज्यादा प्रजातियां खोजी जा चुकी हैं | तोता यह एक मात्र पक्षी हैं, जिसकी इतनी प्रजातियाँ पाई जाती हैं | तोता यह पक्षी जंगलों, खेतों, गाँव, शहरों इत्यादि सभी जगह पर पाया जाता हैं |
तोते पक्षी का मुख्य निवास स्थान ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड हैं | यहाँ पर तोता यह पक्षी सतरंगी रंगों में पाया जाता हैं | इस पक्षी को पकड़कर अन्य देशों में भी भेजा जाता हैं |
तोता पक्षी का पालन
प्राचीन काल से मनुष्य तोता पक्षी को पालता आ रहा हैं | तोता यह पक्षी नक़ल करने में सबसे माहिर होता हैं | यह पक्षी मनुष्य की वाणी बोलना आसानी से सीख जाता हैं | बाजार में बहुत सारे बोलने वाले तोते दिखाई देते हैं |
यह पक्षी ज्यादातर झुंड में रहना पसंद करता हैं | तोते की उड़ने की गति सबसे तेज होती हैं | यह पक्षी खाने की तलाश में एक दिन में १००० किमी से ज्यादा उड़ सकता हैं |
निष्कर्ष:
तोता यह पक्षी बहुत ही सुंदर होता हैं | तोता पक्षी अपनी हरकतों से सभी का मनोरंजन करते हैं | लेकिन अब धीरे – धीरे तोते की संख्या कम होती जा रही हैं, क्यों की मनुष्य पेड़ों की कटाई करने लगा हैं |