छात्रों के लिए निबंध लिखना एक महत्वपूर्ण विषय बन चूका है | निबाश निबंध उस गद्य रचना को कहा जाता है | जिसमें एक सिमित आकार के अंदर किसी भी एक विषय का सरल भाषा में वर्णन या प्रतिपादन किया जाता है |
निबंध लेखक के व्यक्तित्व को प्रकाशित करने वाली गद्य रचना है | इस शब्द का प्रयोग किसी विषय की तार्किक और बौद्धिक विवेचना करने वाले लेखों के लिए भी किया जाता है | किन्तु साहित्यिक आलोचना में सबसे अधिक प्रचलित शब्द निबंध ही है |
आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी के अनुसार संस्कृत में भी निबंध का साहित्य है | प्राचीन संस्कृति साहित्य के निबंधों में धर्म शास्त्रीय सिद्धांतों की व्याख्या की जाती थी, उनमें व्यक्तित्व की विशेषता नहीं होती थी |
हिंदी साहित्य के आधुनिक युग में ‘भारतेन्दु हरिश्चंद्र’ आधुनिक हिंदी साहित्य के पितामह कहे जाते हैं | वे हिंदी में आधुनिकता के पहले रचनाकार थे | इनका मूल नाम ‘हरीश्चन्द्र’ था, निबंध का ही नहीं गद्य की कई विधाओं का प्रचलन भारतेन्दु से होता है | इस बात का प्रमाण है की गद्य और उसकी विधाएँ आधुनिक मनुष्य के स्वाधीन व्यक्तित्व के अधिक अनुकूल है |
‘प्रताप नारयण’ (भारतेन्दु मंडल ) के प्रमुख लेखक कवी और पत्रकार थे | यह भारतेन्दु निर्मित एवं प्रेरित हिंदी लेखकों की सेना के महारथी, उनके आदर्शों के अनुगामी और आधुनिक हिंदी भाषा तथा साहित्य के निर्माणक्रम में उनके सहयोगी थे |
गणतंत्र दिवस पर निबंध
२६ जनवरी १९५० को हमारे देश का संविधान लागू किया गया था, इसलिए इसे गणतंत्र दिवस कहा जाता है | यह दिन स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में अपना विशेष महत्व है | भारत में हर साल २६ जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है |
पंडित बालकृष्ण भट्ट हिंदी के सफल पत्रकार, उपन्यासकार, नाटककर और निबंधकार थे | जिन्हें आज गद्य प्रधान कविता का जनक माना जा सकता है | हिंदी गद्य साहित्य के निर्माताओं में उनका प्रमुख स्थान है |
सुभाष चंद्र बोस पर निबंध :
विश्व इतिहास में स्वतंत्रता सेनानी के महान नेता सुभाष चंद्र बोस जी का नाम स्वर्णाक्षरों में अंकित है | इनका जन्म २३ जनवरी १८९७ में कटक में हुआ | सुभाष चंद्र बोस जी के पिता जी का नाम जानकी नाथ और माता का नाम प्रभावती देवी था |