प्रस्तावना:
समाज में लड़का और लड़की इन दोनों का होना बहुत जरुरी हैं | इन दोनों को समाज रूपी गाड़ी के दो पहिये माना जाता हैं | एक – दुसरे के बिना जीवन अधुरा हैं | समाज और देश के विकास के लिए इन दोनों का होना बहुत आवश्यक होता हैं |
हमारी भारतीय संस्कृति में नारी को सबसे महत्वपूर्ण दर्जा दिया जाता हैं | पुराने ज़माने में नारी को पुरुषों के समान समझा जाता था | परन्तु हमारे देश पर हुए वेदेशी आक्रमणों के कारण नारी की दशा चिंताजनक हो गयी |
लोगों की सोच
कई लोगों की सोच बहुत गलत थी | जिसके कारण लड़कियों को कम समझा जाता था | उन्हें उनके अधिकार नहीं दिए जाते थे | लड़कियों को पुरुषों की तरह काम करने के लिए नहीं भेजा जाता था |
कई लोगों को लगता था की, लड़का हमारे वंश को आगे बढानें वाला होता हैं और लड़की को पराया घर का धन समझा जाता था | इसलिए कई लोग लड़कियों की हत्या करते थे |
विविध प्रथा
हमारे देश में प्राचीन समय में बहुत सारी प्रथा रूढ़ थी | जैसे की बाल विवाह, कन्या भ्रूण हत्या, दहेज़ प्रथा, सती प्रथा, घरेलु हिंसा इत्यादि अन्य प्रकार की प्रथा रूढ़ होने के कारण इन सभी प्रथाओं का सामना लड़की को करना पड़ता था | बहुत सारे लोग लड़कियों को बोझ समझते थे |
पुराने ज़माने में लड़की को सिर्फ परिवार की जिम्मेदारी सौपी जाती थी | उन्हें घर से बाहर निकलने नहीं देते थे | लड़की पर बहुत सारे अत्याचार भी किये जाते हैं |
समाज सुधारको का योगदान
हमारे देश में सारी प्रथाए दूर करने के लिए बहुत सारे समाज सुधारको ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया हैं | जैसे की ईश्वरचंद विद्यासागर, राजा राममोहन राय इन्होने सती प्रथा को दूर करने के लिए आवाज उठाया था | देश को आज़ादी मिलने के बाद लड़कियों के जीवन में परिवर्तन होने लगा | लड़का और लड़की को समान रूप से अधिकार और हक्क दिए जाने लगे |
आज की नारी
आज के भारतीय नारी के जीवन में बहुत सारे बदलाव हुए | आज की नारी चार दीवारों से बाहर निकलकर हर एक क्षेत्र में कार्य करने लगी हैं | पुरुषों के साथ कंधे से कंधे मिलाकर चल रही हैं |
हर एक क्षेत्र में अच्छा योगदान दे रही हैं | आज अपने अधिकार और हक्क के लिए खुद लढ रही हैं | अपने जीवन का हर एक फैसल स्वयं ले रही हैं |
निष्कर्ष:
सभी लोगों को कभी भी लड़की को कम नहीं समझना चाहिए | लड़कियों को अपने जीवन में आगे बढ़कर लोगों के मानसिक सोच को बदलना चाहिए | समाज के सभी लोगों को अपने गलत दृष्टिकोण को बदलना चाहिए और लड़का – लड़की को समान मानना चाहिए |
देश और समाज में लड़कियों का सम्मान और आदर करना चाहिए | लड़कियों का जन्म होने पर खुशियाँ मनानी चाहिए | अगर लड़की को सम्मान और उच्च स्थान देंगे तभी हमारे देश और समाज का विकास हो सकता हैं |