प्रस्तावना :
भारत में आजादी के पश्चात जब लोगों को लगा की हम पुनः किसी के गुलाम न बन जाये, इसी कारण भारत के सरकार ने अपनी सेना बनाने का निर्णय किया, और भारत की पहली सेना की संख्या लगभग १२,३७,११७ की थी, और भारत देश ने १ अप्रैल सन १८९५ में अपनी सेना बनाकर उसे कर्तव्य में लाया |
भारत देश की सुरक्षा की जब बात आती हैं, तब उस स्थान पर भारत के सभी सैनिकों का बड़ा ही महत्वपूर्ण योगदान होता हैं | भारत में जल सेना, वायु सेना, थल सेना तथा नौसेना होती हैं| यह सभी सेना अपनी जान की बाजी लागाकर विभिन्न तरीकों से अपने देश की रक्षा करते हैं |
भारत के सभी सुरक्षा बल सदैव अपने कर्तव्य पर तत्पर होते हैं, भारत में आज भी कहीं कोई भी बड़ी घटना हो जाय तो उसे भारतीय सेना ही नियंत्रण में लाती हैं |
भारतीय सेना की रचना
भारत के सैनिकों को कठिन परिश्रम से गुजारा जाता हैं, और यही एक मात्र प्रशिक्षण भी होता है, यदि इस प्रशिक्षण में वे सफल नहीं होते तो उन्हें पुनः घर भेज दिया जाता हैं, कारण की एक सैनिक को सैनिक बनने के लिए उसके सभी अंगो में फुर्ती और चुस्ती दिखानी होती हैं|
और यदि ऐसा नहीं होगा तो, वह किसी दुसमन के हाथ लग गए तो, वे भय से ही अपने देश की खुफ्हिया जानकारी दुसमन को दे देंगे और यह उचित नहीं होगा |
भारत के सैनिक को प्रशिक्षण केंद्र में सैन्य प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु, उन्हें शारीरिक प्रशिक्षण ,हथियारों के प्रशिक्षण तथा मानसिक प्रशिक्षण के तकलीफों से अवगत कराया जाता हैं, उन्हें इतना ठोस बना दिया जाता हैं, की वे किसी भी परिस्थिति में अपने आस-पास भय महसूस न करे|
भारतीय सेना में भर्ती
भारतीय सेना में भर्ती पाना एक सौभाग्य की बात होती हैं, किंतु यह सभी को प्राप्त नहीं होती हैं, यह भर्ती बहुत ही शक्त होती हैं जिसमें सफल होने के लिए बड़ी ही कड़ी परिश्रम की आवश्यकता होती हैं|
भारतीय सेना के सभी उमीदवार को अपने शरीर की फिटनेस बरकरार रखनी होती है, जब उमीदवार सभी प्रकार की लिखित परीक्षा में तथा शारीरिक प्रशिक्षण में सफल हो जाता हैं|
तब सेना के उच्च कमांडो उन्हें हथियारों की उपयोग की प्रसिक्षण प्रदान करते हैं, और जब इन सभी कठिनाइयों को जब एक उमीदवार पार कर लेता हैं, तब वह एक सैनिक बन पाता हैं |
सेना की सेवा की अवधि
हमारे भारतीय सेना में यह नियम बनाया गया हैं, की प्रत्येक सैनिको को ७-१२ वर्ष की रंग सेवा तथा ८-१० वर्ष तक की आरक्षित सेवा के लिए नामांकित किया गया हैं| और जब वे अपने कर्तव्य के प्रति स्वयं को समर्पित कर देते हैं|
तब उन्हें पदोन्नति के अवसर भी प्राप्त होते हैं, भारतीय सेना में सभी सैनिकों को आवश्यकता पड़ने पर उनके छुट्टियों में भी बुला लिया जाता हैं |
निष्कर्ष :
हम सभी सोचते हैं, की सैनिक बड़े ही अच्छे वेतन प्राप्त करते हैं और उनका जीवन बहुत ही सुख्मै होता हैं, किंतु ऐसा नहीं होता हैं|
उनके भीतर देश के प्रति कुछ कर जाने का जज्बा होता हैं, वे निडर होते हैं और यहाँ हमारे मोहल्ले में कोई कुत्ता भौक दे तो, मम्मी-मम्मी करके भागने लगे हैं, अतः हमारे देश के सैनिक बहुत ही महान हैं| इसी लिए यह नारा भी हैं, “जय जवान, जय किसान”