प्रस्तावना:
पृथ्वी यह सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है | पृथ्वी एक ऐसा ग्रह हैं जिस पर मनुष्य को अपना जीवन जीने के लिए बहुत सारी चीजे उपलब्ध हैं | इस धरती पर प्रकृति ने चारों तरफ अपनी हरियाली छटा फैलाई हैं |
प्रकृति यह मनुष्य का सबसे अच्छा मित्र हैं | प्रकृति यह हमारी अच्छी साथी होती हैं, जो हम सभी को इस धरती पर रहने के लिए सभी जरुरत संसाधने उपलब्ध कराती हैं |
प्रकृति का अर्थ –
प्रकृति का अर्थ होता हैं – हमारे आसपास जो वातावरण हैं उसे प्रकृति कहा जाता हैं | जैसे की पेड़ – पौधे, पहाड़ – पर्वत, नदी – नाले, समुंद्र, हवा – पानी इत्यादि |
समय के अनुसार बदलाव
प्रकृति में हर एक मौसम की वजह से समय के साथ – साथ परिवर्तन होते रहता हैं | प्रकृति हम सभी को अलग – अलग रंग में दिखाई देती हैं |
कैसे सुबह से रात होती हैं, कई जगह पर ज्यादा गर्मी होती हैं, तो कई जगह पर बर्फ की चादर ओढ़ती हैं, तो कही सुखा पड़ जाता हैं और कहीं बारिश की वजह से आपत्ति आयी हैं | इसकी वजह से प्रकृति में हर एक मौसम में बदलाव होते रहते हैं |
जीवन में आवश्यकता
प्रकृति यह मनुष्य को ईश्वर के द्वारा मिला हुआ एक वरदान हैं | प्रकृति हम सभी को फुल, पक्षी, जानवर, पेड़ – पौधे, आकाश, भूमि, ताजी हवा, पहाड़ इन कई सारी चीजे प्रदान करती हैं |
हम सभी के जीवन में प्रकृति का सबसे ज्यादा महत्व हैं | प्रकृति मनुष्य को शुद्ध हवा देती हैं | यह हमारे जीवन का सबसे बड़ा आधार हैं |
प्रकृति का महत्व
भगवान ने मनुष्य के जीवन को बेहतर बनाने के लिए इस प्रकृति का निर्माण किया हैं | इस प्रकृति से मनुष्य को बहुत कुछ मिलता हैं |
लेकिन उसके बदले में हमसे कुछ नहीं मांगती हैं | परन्तु कई लोग इस प्रकृति को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं | मनुष्य ने अपनी सुख – सुविधा और स्वार्थ पूरा करने के लिए विज्ञान की सहायता से बहुत सारे आविष्कार किये हैं |
लेकिन सभी आविष्कारों की वजह से प्रकृति का संतुलन बिगड़ गया | हम सभी के जीवन में जितना प्रकृति का महत्व हैं उतना हिन् सभी पशु – पक्षियों के जीवन में हैं |
प्रकृति संरक्षण
सभी लोगों को प्रकृति के साथ खिलवाड नहीं करना चाहिए बल्कि उसका संरक्षण करना चाहिए |
लोगों को पेड़ों की कटाई नहीं करनी चाहिए |
लोगों को ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाकर मृदा क्षरण को रोकना चाहिए |
सभी लोगों को जल के स्रोतों को दूषित नहीं करना चाहिए |
हमारे आसपास के वातावरण को सुरक्षित रखना चाहिए |
मनुष्य को अपना स्वार्थ पूरा करने के लिए प्रकृति का संतुलन नहीं बिगड़ना चाहिए |
प्रकृति यह हम सभी के लिए सबसे बड़ी देन हैं और इसका हमें सम्मान करना चाहिए |
प्रकृति का उपयोग नियम के अनुसार ही करना चाहिए |
निष्कर्ष:
हम सभी लोगों को प्रकृति की रक्षा करनी चाहिए | उसको किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए |