प्रस्तावना :
आधुनिक शिक्षा सबसे पहले १८३५ में लागु किया गया था | जिसका मुख्य उद्देश्य था की सरकारी कर्मचारी पाश्चात्य शिक्षा का प्रयोग कर सकें | लेकिन इसमें गरीब और मजदूर वर्गों से विशिष्ट लोगों को अलग कर दिया गया | जिसके कारण हमें अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ा |
सरस्वती माता के वंदना से लेकर गुरुकुल में योग्य गुरुओं से मौखिक शिक्षा पाने वाले देश में शिक्षा का महत्व अधिक है | शिक्षा प्रणाली को परतंत्र काल की शिक्षा प्रणाली माना जाता है | यह ब्रिटिश शासन की देन मानी जाती है |
आधुनिक शिक्षा प्रणाली ने देश में प्रत्येक व्यक्ति के लिए शिक्षा के द्वार खोल दिए हैं | सभी स्थानों पर और हर गाँव में शिक्षा के अवसर जुटाए जा रहे हैं | यह शिक्षा १४ वर्ष तक अनिवार्य कर दी गई है | जिसके अंतर्गत ८वी कक्षा तक पढ़ने वाले छात्रों से किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता है |
शिक्षा के निजीकरण का अर्थ है – शिक्षा के क्षेत्र में सरकार के अतिरिक्त गैर सरकारी, भागीदारी वैसे ब्रिटिश काल से ही निजी संस्थाएं शिक्षण कार्य में संलग्न थी, किन्तु स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद निजीकरण को बढ़ावा देने के लिए अनुदान एवं सरकारी सहायता के फलस्वरूप भारत में निजी शिक्षण संस्था को बढ़ावा मिला है |
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