दोस्तों हमारा निबंध है, नवरात्रि के उत्सव पर दोस्तों यह हमारे देश के हिंदू धर्म के द्वारा मनाया जानें वाला उत्सव है | नवरात्रि में नौ दिनों तक श्रद्धा और विश्वास के साथ दुर्गा माता की पूजा-अर्चना किया जाता है, तथा अंतिम दिन माता के लिए हलवा और चनें का प्रसाद बनाते हैं साथ ही नौ कन्या को भोजन करते हैं |नवरात्रि उत्सव पुरे भारत में महान उत्साह के साथ मनाया जाता है |
प्रस्तावना :
नवरात्रि का उत्सव प्रति वर्ष मुख्य रूप से दो बार मनाया जाता है, पहला नवरात्रि उत्सव चैत्र के महीनें में मनाया जाता है, और दूसरा नवरात्रि उत्सव अश्विन के महीने में मनाया जाता है | यह उत्सव नौ दिनों तक चलनें वाली पूजा-अर्चना के बाद दसवें दिन दशहरा के रूप में मनाया जाता है |
नवरात्रि उत्सव में तीन देवी महालक्ष्मी, महासरस्वती, और दुर्गा माताके नौ स्वरूपों में पूजा की जाती है | जिसे नवदुर्गा कहते हैं, नवरात्रि एक महत्वपूर्ण उत्सव है | नवरात्रि में लोग नौ दिन तक व्रत रखते हैं और, दूर-दूर से अपनें कुलदेवी के दर्शन करनें आते हैं, नवरात्रि में भजन-कीर्तन के साथ-साथ गर्भा और डांडिया खेलते हैं |
नवरात्रि का महत्व 
नवरात्रि संस्कृत शब्द है, यह दो शब्दों से मिलकर बना है, नव और रात्रि | नव का शाब्दिक अर्थ है ‘नया’ रात्रि यह उत्सव अश्विन महीनें में शुक्लपक्ष कि प्रतिपदा से प्रारंभ होकर नौ दिनों तक चलनें वाली नवरात्र को शारदीय नवरात्रि कहते हैं | दुरगा माता का नौ दिनों के दौरान, शक्ति देवी का अलग-अलग रूपों से पूजा-अर्चना किया जाता है | दुर्गा माता का पहला ईश्वरीय स्वरूप शैलपुत्री है |
वसंत ऋतू की सुरुआत और शरद ऋतू की शुरुआत, जलवायु और सूरज के प्रभाव का महत्वपूर्ण संगम माना जाता है | यह समय दुर्गा पूजा के लिए पवित्र अवसर माणा जाता है, नवरात्रि उत्सव में दुर्गा माता की अवधारण भक्ति और परमात्मा की शक्ति की पूजा का सबसे अनोखा समय माना जाता है |
नवरात्रि उत्सव में पूजा की जानें वाली प्रसिद्ध नौ देवियाँ 
- शैलपुत्री – शैलपुत्री पहाड़ो की माता रानी |
- ब्रमचारिणी – ब्रम्हचारिणी |
- चंद्रघंटा – चाँद की तरह चमकने वाली |
- कुष्मांडा – पूरा जगत उनके पैरों में विराजमान हैं |
- स्कंदमाता – कार्तिक स्वामी की माता |
- कात्यानी – कात्यायन आश्रम में जन्म लेने वाली माता |
- कालरात्रि – काल का नाश करने वाली माता |
- महागौरी – सफेद रंग वाली माता |
- शिधिदात्री – सर्व सिद्धि देने वाली माता |
नवरात्रि उत्सव से जुड़ी हुई कथाएँ 
इस उत्सव से कई कथा के अनुसार दुर्गा माता नें एक भैंस रुपी महिषासुर का वध किया था |पौराणिक कथा के अनुसार महिषासुर के ध्यान से बाध्य होकर देवताओं नें उसे अजय होनें का वरदान दे दिया, उसे वरदान देने के बाद देवताओं को चिंता होनें लगी की अब अपनी शक्ति का गलत प्रयोग करेगा | परंतु महिषासुर नें सूर्य, इंद्र, अग्नि, वायु, चंद्रमा और अन्य कई देवताओं का अधिकार छीन लिया और स्वय |
निष्कर्ष :
नवरात्रि उत्सव के नौवें दिन ‘कन्यापूजन’ किया जाता है | इसमें नौ छोटी कन्याओं को देवी का रूप मानकर उनकी पूजा की जाती है |
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