भूमिका :
मनुष्य के विकाश के लिए अनुशासन का होना बहुत ही जरुरी है | यदि मनुष्य अनुशासन में अपना जीवन-यापन करता है तो स्वंय के लिए सुखद और उज्जवल भविष्य की राह निर्धारित करता है |
प्रत्येक लोगों के जीवन में अनुशासन सबसे महत्वपूर्ण है | किसी भी व्यक्ति को एक सफल और खुशहाल जीवन जीने के लिए अनुशासन बहुत ही जरुरी है |
अनुशासन क्या है 
अनुशासन सफलता की कुंजी है | जीवन में व्यवस्था का अनुसरण करना “अनुशासन” है | किसी भी सम्बंधित नियमों का पालन करना और अपने को वश में रखना अनुशासन है |
नियम के अनुसार जीवन के प्रत्येक कार्य को करना तथा जीवन को अनुशासन में रखना है |
अनुशासन का अर्थ:-
‘अनुशासन’ का अर्थ है – शासन को मानना तथा नियम के अनुसार जीवन-यापन करना | अनुशासन यह दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है, अनु + शासन ‘अनु’ का मतलब है अनुसार और शासन का मतलब है नियम या व्यवस्था |
जब हम शासन को मानते हैं, तब हमारा जीवन व्यवस्थित हो जाता है | अनुशासन हमारे सफलता की सीढ़ी है, इसके सहारे हम किसी भी मंजिल को हाँसिल कर सकते हैं |
जीवन में अनुशासन का महत्व 
मानव जीवन में जीवन में “अनुशासन” एक ऐसा गुण है जिसकी आवश्यकता मानव जीवन में हर वक्त पड़ता है |
अनुशासन हमारे अंदर बचपन से ही होना चाहिए क्योंकि अनुशासन से मनुष्य के चरित्र का निर्माण हो सकता है | अनुशासन से मनुष्य की सारी शक्तियाँ केंद्रीत हो जाती हैं जिससे समय बचता है |
अनुशासन के नियम 
जिस प्रकार सूर्य का उदय-अस्त, पृथ्वी का घूमना, ग्रहों की गीत और ऋतुओं का बदलाव सभी एक अनुशासित क्रियाएँ हैं |
यदि प्रकृति अपने अनुशाशन को छोड़ देगी तो हमारा जीवन संकट में पड़ जाएगा | इसी प्रकार हमें अनुशासन बद्ध होना चाहिए | अनुशासन के अनुसार ही जीवन को सार्थक बनाया जा सकता है |
- अनुशासन के नियम के अनुसार संतुलित और नियमित दिनचर्या का पालन करना |
- अपने किसी भी काम को समय पर पूरा करने की कोशिश करना |
- व्यर्थ के कामों से दूर रहना और फालतू की बातों पर ध्यान न देना |
- बुरी आदतों से दूर रहना |
- अपने किसी भी काम के प्रति पूरी तरह से ध्यान रखना |
छात्र और अनुशासन 
अनुशासन का छात्र जीवन में अत्यधिक महत्व है | अनुशासन ही ज्ञान प्राप्ति में सफलता का मूलमंत्र है | वैज्ञानिक युग में अनुशासन के बिना जीवन की कल्पना करना ही व्यर्थ है, अनुशासन में रहकर साधारण छात्र भी परिश्रमी, बुद्धिमान, शिक्षा, व्यवहार तथा आचार ग्रहण करता है |
जैसे की नियमित रूप से विद्यालय जाना, गुरुजनों एवं बड़ों का आदर करना, व्यायाम करना, और उनके नियमों का पालन करना छात्र का कर्तव्य है |
निष्कर्ष :
अनुशासन और अभ्यास से ही आत्मविश्वास पैदा होता है | अनुशासन में भटक जानें पर व्यक्ति चरित्रहीन, दुराचारी और निंदनीय हो जाता है | समाज में ऐसे व्यक्ति का कोई सम्मान नहीं करता है |