प्रस्तावना :
गंगा नदी को भारत की सबसे पवित्र माना गया है | गंगा नदी को माता का दर्जा दिया गया है, लोग गंगा मैया या गंगा माता के नाम से पुकारते हैं | गंगा नदी को भागीरथी के नाम से भी जाना जाता है | गंगा नदी का यह नाम राजा भागीरथी के नाम से पड़ा | गंगा नदी निरंतर बहने वाली नदी है |
गंगा नदी हिमालय से निकलती है और बंगाल की घाटी में विसर्जित होती है | गंगा नदी पापियों का उद्धार करने वाली नदी है | इसे देवनदी, मंदाकिनी, भगीरथी, विश्नुपगा, देवपगा आदि नामों से जाना जाता है | गंगा नदी का उद्गम स्थल गंगोत्री है | गंगा नदी भारत की सबसे प्रसिद्द नदी है |
गंगा नदी की लंबाई २५०६ किलोमीटर है लंबाई में एशिया की नदियों में गंगा नदी का १५वाँ स्थान है, और संसार में ३९वाँ स्थान है | गंगा नदी हिमालय के उत्तरी भाग गंगोत्री से निकलकर नारायण पर्वत के पार्श्व से ऋषिकेश, हरिद्वार, कानपुर, प्रयाग, विंध्याचल, वाराणसी, पाटिलीपुत्र, भागलपुर और बंगाल को सिंचित करती हुई गंगा सागर में समाहित हो जाती है |
गंगा नदी के तट पर अनेक तीर्थ स्थल तीर्थ स्थल बसे हुए हैं, जैसे काशी , बनारस, हरिद्वार आदि प्रमुख हैं | गंगा नदी को पवित्र नदी माना गया है | गंगा स्नान करने से सरे पाप धूल जाते हैं और गंगा में अस्थियां विसर्जित करने से स्वर्ग की प्राप्ति होती है |
गंगा नदी का जल इतना शुद्ध है की गंगा जल यदि डिब्बे में रख दिया जाए तो वह कभी खराब नहीं होता है | घरों में गंगा जल का छिड़काव करने से घर शुध्द हो जाता है | गंगा जल को पंचामृत बनाकर पिया जाता है |
गंगा केवल नदी ही नहीं है यह हमारी संस्कृति है | धार्मिक ग्रंथों में यह भी लिखा गया है की गंगा नदी एक पवित्र नदी है जो पापियों के पाप का नाश करने के लिए इस धरती पर अवतरित हुई है | हिन्दू धर्म के लोगों को गंगा नहीं के प्रति बहुत आस्था है |
गंगा नदी का जल हरिद्वार तक शुद्ध रहता है, उसके बाद शहरों से गंदा जल मिल जाता है | पहले जब गंगा निकलती थी तो पतली और संकरी रहती थी लेकिन आगे चलकर फ़ैल जाती है | गंगा नदी के इस पार से उस पार जानें के लिए नाव का प्रयोग किया जाता है |
गंगा नदी का जल हमेशा विधमान रहता है वह कभी सूखता नहीं है | इस जल को हजारो पशु-पक्षी पीकर अपना प्यास बुझाते हैं | हिमालय की छोटी से बर्फ पिघलकर गंगा में मिल जाती है | गंगा नदी हमारे धर्म में पूज्यनीय है |
गंगा नदी पर बांध बनाकर टिहरी बांध, भीमगोडा बांध में भी पर्य़टन तथा कृषि व्यवस्था को बढावा दिया गया है, और बिजली का उत्पादन भी किया जाता है | गंगा नदी को देवलोक भी कहा जाता है क्योंकि यह पहले देवलोक में बहती थी |