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हिंदी में निबंध लेखन का प्रारुप – पढ़े यहाँ Format Of Essay Writing In Hindi

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By hindiscreen

प्रस्तावना :

निबंध लेखन किसी भी परीक्षा का एक महत्वपूर्ण अंग होता है | साहित्यिक और कलात्मक विषयों में इसका महत्व बढ़ जाता है | परंतु निबंध केवल परीक्षा की दृष्टि से ही उपयोगी नहीं होता है | निबंध पढ़ने तथा लिखने वालों के ज्ञान में अपार वृद्धि होती है |

कई बार ऐसा प्रश्न पूछा जाता है की निबंध क्या है, उसकी परिभाषा क्या हैं | निबंध एक विषय पर आधारित होता है | “निबंध” शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है नि + बाध इसका अर्थ है एक प्रकार की गद्य रचना है |

वह रचना जो विचार या भावनाओं के माध्यम से लिखा गया होता है | निबंध के द्वारा व्यक्ति अपने विचारों का संचार करने में समर्थ हो सकता है | निबंध लिखते समय भाषा शुद्ध मुहावरेदार और रोचक होनी चाहिए | निबंध में मौलिकता एक विशेष गुण माना जाता है | निबंध को अपने भाव या विचारो को अपनी भाषा और शैली में लिखना चाहिए |

निबंध सरस होना चाहिए नीरस नहीं | निबंध का पहला वाक्य ऐसा होना चाहिए की पढ़ने वाले के मन में उत्सुकता जागे | कभी भी आपको निबंध लिखते समय इस बात का ध्यान रखना होगा की लिखने की भाषा सरल और स्पष्ट होना चाहिए | विचारों की पुनरावृत्ति नहीं होना चाहिए तथा निबंध में विराम-चिन्ह का उचित प्रयोग करना चाहिए |

निबंध के अंग 

निबंधशीर्षक आकर्षक होना चाहिए यदि आप परीक्षा दे रहे होते हैं तो शीर्षक आपको पहले से ही दिया होता है | भूमिका इस प्रकार होना चाहिए की जो विषयवस्तु की झलक प्रस्तुत कर सकें | निबंध की शुरुआत किसी कहावत, श्लोक या किसी उदाहरण से करनी चाहिए |

निबंध को अच्छे से लिखने पर विद्यार्थी को अच्छे अंक प्राप्त होंगे | आकर्षक प्रारंभ निबंध को पढनें वाले परीक्षक या पाठक के मन में आगे पढ़ने के लिए उत्सुकता जगाता है |

निबंध के प्रकार :

  1. वर्णनात्मक 

निबंध लिखने के नियम 1वर्णनात्मक निबंध में जैसे किसी सजीव या निर्जीव पदार्थ का वर्णन ही वर्णनात्मक किया जाता है | उदाहरण स्थान, वस्तु, प्राकृतिक दृश्य, पर्यटन स्थल, यात्रा, मेला, किसी पर आधारित घटना और त्योहारों के आधार पर बनाकर लिखे जाते हैं |

  1. विवरणात्मक 

निबंध लिखने के नियम विवरणात्मक निबंध में कोई विशेष घटना जैसे ऐतिहासिक, पौराणिक, आकस्मिक और काल्पनिक घटनाओं का वर्णन किया जाता है उसे विवरणात्मक भाषा में लिखा जाता है |

  1. विचारात्मक

निबंध के विषय किसी गुण, दोष, धर्म का वर्णन को विचारात्मक निबंध कहा जाता है | इस निबंध में देखी गई, सुनी गई बातों का वर्णन नहीं होता है | इसमें केवल कल्पना और चिंतनशक्ति से काम लिया जाता है | विचारात्मक निबंध लिखने के लिए दिए गए विषय को निम्नलिखित विभागों में बाँटना चाहिए |

निष्कर्ष :

जिस प्रकार निबंध आरंभ महत्वपूर्ण है उसी प्रकार अंत में लिखी गई या कही गई बात का खास असर होता है | विषय से संबंधित शायरी या कविता हो अंत में निष्कर्ष \ उपसंहार में पुरे निबंध का सार आना चाहिए |

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