प्रस्तावना:
हमारा भारत देश यह गावों का देश हैं | हमारे भारत देश की ज्यादातर लोकसंख्या यह गाँव में रहती हैं, क्यों की यहाँ के ज्यादातर लोग यह कृषि पर निर्भर करते हैं | शहरी लोगों की तुलना में गाँव के लोगों का जीवन बहुत अलग होता हैं |
भारतीय लोगों का जीवन सरल और सादगी से भरा होता हैं | गाँव के लोग सीधे – साधे होते हैं | गाँव का जीवन शांत, हरियाली से भरपूर और प्रदुषण मुक्त होता हैं |
खेती व्यवसाय
गाँव में रहने वाले ज्यादातर लोग खेती करते हैं, जिन्हें किसान कहाँ जाता | उनका पूरा जीवन खेती पर निर्भर होता हैं |
गाँव के चारों तरफ खेत फैले होते हैं | खेतों में अनाज और सब्जियां उगाई जाती हैं | वो दिनरात बहुत मेहनत करके दूसरों का पेट भरने के लिए अनाज उगाते हैं |
गावों में तालाब और नहरे होती हैं | इसमें संग्रहीत किया हुआ जल किसान अपनी फसलों जरुरत रहने पर उपयोग करते हैं |
फसलों को पकने पर हर तरफ पीले – पीले खेत नजर आते हैं | ऐसा देखने पर लगता हैं की, धरती सोना उगल रही हैं |
अन्य व्यवसाय
गाँव के लोग खेती के अलावा पशुपालन, मुर्गीपालन और अपनी आजीविका चलाने के कुटीर उद्योग भी चलाते हैं |
कई लोग पशुपालन करके उनका दूध बेचकर गुजारा करते हैं | गाँव में उसके साथ – साथ मधुमक्खी पालन भी किया जाता हैं |
गाँव के लोग
गाँव में रहने वाले लोग ज्यादातर मेहनती और ईमानदार होते हैं | यहाँ के लोग सुबह जल्दी उठते हैं और रात को जल्दी सोते हैं | वह दुशरे की सहायता के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं | हमेशा काम करते रहना उनकी जीवन शैली हैं |
गाँव के लोग इतनी मेहनत करने के बाद भी गाँव के लोगों का विकास अधुरा ही हैं, क्यों की गाँव में रहने वाले ज्यादातर लोग अनपढ़ हो जाते हैं | वो अपनी पुरानी परंपरा और सामाजिक बंधनों से जकड़े होते हैं |
विविध त्यौहार
गाँव में सभी प्रकार के त्यौहार बड़े धूमधाम और ख़ुशी के साथ मनाए जाते हैं | जैसे की दिवाली, दशहरा, होली, रक्षाबंधन इत्यादि. अन्य त्यौहार मनाए जाते हैं | गाँव के लोग हर एक त्यौहार को अपनी रीती – रिवाज और परंपरा के अनुसार मनाते हैं |
त्योहारों के अवसर पर सभी लोग एक – दुसरे से मिलते हैं | गाँव के लोग आपसी सुख – दुःख में एक – दुसरे का साथ देते हैं | इसकी वजह से भारत के गावों में आज भी पुरानी संस्कृति जिन्दा हैं |
निष्कर्ष:
आज सरकार भी गावों के विकास के लिए विशेष ध्यान दे रही हैं | गावों में आधुनिक सुविधाएँ भी प्रदान कर रही हैं | हर एक गावों में शहरों जैसी सुविधा पहुँच रही हैं |