छत्रपति शिवाजी महाराज पर निबंध – पढ़े यहाँ Essay On Shivaji Maharaj In Hindi

प्रस्तावना :

भारत का इतिहास अनगिनत वीरों और देशभक्तों से भरा पड़ा है | उन सभी वीरों में से एक छत्रपति शिवाजी महाराज भी है | जिनकी वीरता पराक्रम एवं शौर्य अद्वितीय थी | छत्रपति शिवाजी महाराज एक साहसी और वीर योद्धा थे, जिन्होनें मुगल साम्राज्य को हिला कर रख दिए थे |

छत्रपति शिवाजी महाराज मराठा साम्राज्य के संस्थापक थे |आज भी लोग छत्रपति शिवाजी महाराज  को सम्मान से याद करते हैं | युगों तक भारत भूमि पर इनके बलिदान की ऋणी रहेगी |

छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म २० जनवरी १६२७ ई. में महाराष्ट्र के शिवनेरी दुर्ग में हुआ था | उनके पिता जी का नाम शाहजी भोसले था जो, बीजापुर के मुग़ल शासक के यहाँ उच्च पद पर नियुक्त थे |

शिवाजी महाराज  की माता का नाम जीजाबाई था जो एक बुद्धिमान एवं अत्यंत धार्मिक महिला थी |  जब शिवाजी महाराज के पिता जी दूसरा विवाह कर लिए तब माता जीजाबाई उन्हें अपने साथ लेकर शिवनेरी से पूना आ गयी थी | शिवाजी महाराज का पालन-पोषण से लेकर शिक्षा-दीक्षा सभी माता जीजाबाई के संरक्षण में हुआ था |

बालक शिवा के अंदर स्वाभिमान एवं शौर्य की भावना कूट-कूटकर भरी थी | बचपन से ही शिवाजी ने युद्धविद्या सीखना प्रारंभ कर दिए थे | शिवाजी महाराज का विवाह १४ मई १६४० में सईबाई निंबालकर के साथ लाल महल, पुणे में हुआ था | शिवाजी महाराज की कुल ८ पत्नियां थी

किशोरावस्था आते-आते वह युद्ध की कला में पूरी तरह से निपुण हो गए थे | १९ वर्ष की आयु में ही अपनी शक्ति को बढ़ाना शुरू कर दिए थे | शिवाजी महाराज का पूरा नाम शिवाजी राजे भोंसले था |

छत्रपति शिवाजी महाराज सभी धर्मों का समान भाव से आदर करते थे | उनके चारित्रिक निर्माण में उनकी माता जीजाबाई का विशेष योगदान था | छत्रपति शिवाजी महाराज अपनी माता से ही स्त्रियों और सभी धर्मों का सम्मान करना सीखे थे |

छत्रपति शिवाजी महाराज के समय में मुगल शासन के राजाओं ने हिन्दू धर्म के लोगों के साथ बहुत अत्याचार किये थे | मुगलों द्वाराभारतवासियों पर किये जा रहे अत्याचार एवं भेदभाव को देखकर शिवाजी महाराज बहुत दुखी थे | यह देखकर वे मुगलों को उखाड़ फेंकना चाहते थे |

इस उद्देश्य से उन्होंने एक सेना का गठन किया | छत्रपति शिवाजी महाराज बचपन से ही मलयुद्ध, भाले बरछे, तीर तलवार, घुड़सवारी तथा बाण विद्या में होशियार थे |

छत्रपति शिवाजी महाराज ने अपनी सेना को अस्त्र-शस्त्र की विद्या सिखाये और विशाल मुग़ल सेना पर आक्रमण करने का नया रास्ता खोजे | शिवाजी महाराज को युद्ध विद्या में महारत हांसिल थी | छत्रपति शिवाजी महाराज अपने सैनिकों को छापामार युद्ध के लिए तैयार किया | बीजापुर और मुगल दोनों शिवाजी महाराज के शत्रु थे |

२० वर्ष तक लगातार अपने साहस, शौर्य और रण-कुशलता द्वारा शवाजी महाराज अपने पिता की छोटी सी जागीर को एक स्वतंत्र शक्तिशाली राज्य क रुप में स्थापित कर लिए | १६७४ में रायगढ़ के राजा बनें और उनका राज्याभिषेक हुआ |

यदि आपके पास छत्रपति शिवाजी महाराज पर निबंध से संबंधित कोई अन्य प्रश्न हैं, तो आप नीचे टिप्पणी करके अपनी क्वेरी पूछ सकते हैं।

Updated: मार्च 5, 2020 — 1:35 अपराह्न

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