प्रस्तावना :
पर्व दो प्रकार के होते हैं एक राष्ट्रिय पर्व और दूसरा सांस्कृतिक पर्व | सांस्कृतिक पर्व का संबंध धर्म तथा संस्कृति से होता है | जैसे दिवाली, होली, ईद, क्रिसमस, राखी आदि सभी जाति धर्मों के लोगों द्वारा मनाया जानें वाला त्यौहार है |
राष्ट्रिय पर्व जो किसी जाति विशेष के नहीं बल्कि समस्त देशवासियों की देशभक्ति की भावना से जुड़ा होता है | जिन्होनें राष्ट्र के निर्माण में अपना महत्वपूर्ण भूमिका निभाए है |
राष्ट्रिय पर्व तीन प्रकार के होते हैं – १५ अगस्त को मनाया जानें वाला ‘स्वतंत्रता दिवस’, २६ जनवरी को मनाया जाने वाला ‘गणतंत्रता दिवस’ और २ अक्टूबर को मनाया जानें वाला ‘गाँधी जयंती’ |
स्वतंत्रता दिवस
१५ अगस्त १९४७ को हमारा भारत देश अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुआ था | इस दिन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी दिल्ली के लाल किले पर राष्ट्रध्वज फहराये और देश को सम्बोधित किये थे |
तभी से हर साल स्वतंत्रता दिवस के रुप में स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मान देने की लिए मनाया जाता है जिन्होनें हमारे देश की आजादी के लिए निःस्वार्थ रुप से अपने प्राणों का बलिदान दिए |
स्वतंत्रता दिवस के दिन हर साल २१ तोपों की सलामी दी जाती है | प्रधानमंत्री अपने भाषण से देश को सम्बोधित करते हैं | देश के विभिन्न हिस्सों में राष्ट्रिय ध्वज फहराकर राष्ट्रिय गान गाया जाता है | मुख्य रूप से स्कूल और कॉलेजों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है |
गणतंत्र दिवस
२६ जनवरी १९५० को भारत का संविधान लागु किया गया था | इस दिन सही अर्थों में हम पूर्ण रूप से स्वतंत्र हुए थे तभी हर हर साल भारत में इस दिन को गणतंत्र दिवस के रुप में मनाया जाता है | गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम दिल्ली के राजपथ पर होता है |
विशेष परेड का आयोजन किया जाता है और राष्ट्रपति ध्वजारोहण करते हैं | जल सेना,थल सेना और वायु सेना की टुकड़ियां उन्हें सलामी देती है | गणतंत्र दिवस पर सेना द्वारा प्रयोग किए जाने वाले हथियार, शक्तिशाली टैंकों का प्रदर्शन किया जाता है | परेड के माध्यम से सैनिकों की शक्ति और पराक्रम को बताया जाता है |
गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम के दौरान स्कूल और कॉलेजों और सामाजिक स्थानों पर परेड, नृत्य और कई अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं | गणतंत्र दिवस भारत के संविधान के सम्मान का प्रतीक है | गणतंत्र दिवस मनाने के लिए देश भर में कई छोटे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं |
गाँधी जयंती :
२ अक्टूबर को हर साल गाँधी जयंती को राष्ट्रिय पर्व के रुप में मनाया जाता है | गाँधी जयंती हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के जन्मदिन पर उनकी स्मृति को कायम रखने के लिए मनाया जाता है |
इस दिन गाँधी जी की स्मृति में उनके समाधी-स्थल ‘राजघाट’ पर फूल, माला अर्पित करते हैं तथा ‘रघुपति राघव राजा राम’ की कीर्तन ध्वनि, चरखा इत्यादि कार्यक्रमों का आयोजन होता किया जाता है |