Ozone Layer

ओजोन परत पर हिंदी में निबंध – पढ़े यहाँ Essay On Ozone Layer in Hindi

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By hindiscreen

प्रस्तावना :

ओजोन परत पृथ्वी के वायुमंडल की एक परत है, जिसमें गैस की घनत्व अपेक्षाकृत अधिक होती है | ओजोन परत के कारण ही इस पृथ्वी पर जीवन संभव है | ओजोन परत सूर्य के उच्च आवृति के पराबैगनी प्रकाश की ९३-९९% मात्रा अवशोषित कर लेती है, जो पृथ्वी के लिए नुकसानदायक है |ओजोन परत की हानिकारक पराबैगनी किरणों को पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करने से रोकती है |

ओजोन परत किसे कहा जाता है

ओजोन परतपृथ्वी के चारो तरफ समतापमंडल में १५ से ३५ किलोमीटर के बिच एक परत मौजूद है, जो ऑक्सीजन के तीन परमाणुओं से मिलकर बनने वाले अणुओं को ओजोन परत कहा जाता है| ओजोन परत पृथ्वी की सुरक्षा के दृष्टिकोण से बहुत ही महत्वपूर्ण हैं|

पराबैंगनी किरणों के हानि

pera परबैगनी किरणों से त्वचा का कैंसर होने की संभावना रहती है | यह किरण मनुष्य और पशुओं की  (D.N.A.) संरचना में बदलाव लाती है | जिसके कारण आँखों में मोतियाबिंदु जैसी बीमारी उत्पन्न होती है | यदि इसका समय पर उपचार नहीं किया जाए तो व्यक्ति अंधा भी हो सकता है| पराबैगनी किरणें पेड़-पौधे की प्रकाश संश्लेषण क्रिया को प्रभावित करती है|

ओजोन क्या है

what is sa ozone ओजोन एक वायुमंडलीय गैस है, या ऑक्सीजन का एक प्रकार है | ऑक्सीजन  (O) के दो परमाणुओं के जुडनें से ऑक्सीजन गैस (O2) गैस बनती है | जिसे हम साँस लेते समय फेफड़ो के अंदर खींचते हैं | तीन ऑक्सीजन परमाणुओं के जुड़ने से ओजोन (O3) का एक अणु बनता है|

ओजोन परत का महत्व

ओजोन परतसमताप मंडल में स्थित ओजोन परत समस्त भूमण्डल के लिए एक सुरक्षा कवच का काम करती है | यह सूर्य की हानिकारक बैगनी किरणों को ऊपरी वायुमंडल में ही रोक लेती है, उन्हें पृथ्वी की सतह तक नहीं पहुँचने देती है | पराबैगनी विकीकरण मनुष्य, जीव जंतुओं और वनस्पतियों के लिए हानिकारक होती है|

सूर्य की पराबैगनी किरणें प्राणियों की त्वचा के लिए बहुत ही घातक है | ओजोन परत पृथ्वी के सुरक्षा कवच का कार्य करती है | ओजोन परत के क्षय के कई कारण है | औद्योगिकरण बढ़ने से वातावरण के दूषित होने के कारण हुआ है | ओजोन परत के क्षरण के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार क्लोरो फ्लोरो कार्बन एवं हाइड्रो क्लोरो फ्लोरो कार्बन जैसे रासायनिक पदार्थ हैं|

पृथ्वी के वायुमंडल का ९१% से भी अधिक ओजोन यहाँ मौजूद है | यह स्ट्रैटोस्फियर के निचले भाग में पृथ्वी की सतह के ऊपरी लगभग १० किमी से ५० किमी की दुरी पर स्थित है | ओजोन परत की घनत्व मौसम और भौगोलिक दृष्टि से बदलती रहती है|

ओजोन परत की खोज :

ओजोन परत की खोज सन १९१३ में फ्रांस के भौतिकविदों फैबरी चार्ल्स, ट्रेंस शास्त्री  और हेनरी भूषण ने की थी | इन वैज्ञानिकों ने जब सूर्य की प्रकाश की स्पेक्ट्रम देखा तो उन्होंने पाया की उसमें पृथ्वी के वायुमंडल की विशेषता है उसमें कुछ काले रंग के क्षेत्र थे|

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