प्रस्तावना :
हमारी राष्ट्रभाषा हिंदी है, १४ सितम्बर १९४९ को संविधान के अनुच्छेद ३४३ के अनुसार हिंदी भाषा को भारत की राजभाषा के रूप में घोषित किया गया है | इसलिए हर साल १४ सितम्बर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है |
हिंदी एक ऐसी भाषा है जिसे किसी भी देश के लोगों द्वारा बोली जाती है | हिंदी भाषा बोलने, समझनें, और लिखने में बहुत ही सरल भाषा होती है |
भाषा की स्थिति
भारत एक बहुभाषीय देश है जहाँ अनेक भाषाएँ बोली जाती हैं | भारत में हर राज्य की अपनी एक अलग-अलग भाषा है |
हिंदी पुरे विश्व में सबसे अधिक बोली जानें वाली भाषाओं में चौथे स्थान पर है | यह अत्यंत ही सरल भाषा है | हिंदी भाषा का अपना बहुत बड़ा शब्दकोष है क्योंकि हिंदी के कुछ शब्द ऐसे हैं जो अंग्रेजी में जैसे के तैसे प्रयोग किया जाता है |
हिंदी राष्ट्रभाषा
हिंदी भाषा को संस्कृति की बड़ी बेटी कहा जाता है | क्योंकि इसका मुख्य गुण है, की हिंदी भाषा बोलने, पढ़ने और लिखने में बहुत ही सरल भाषा है | भारत में ज्यादातर लोग आपस में बातचीत करते समय हिंदी भाषा को सबसे ज्यादा महत्व देते हैं | हिंदी भाषा का ज्ञान सभी लोगों को बचपन से ही अपने घरो में दिया जाता है |
हिंदी भाषा देश में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है | हिंदी विश्व की प्राचीन, समृद्ध और सरल भाषा होने के साथ-साथ हिंदी हमारी “राष्ट्रभाषा” भी है | इसलिए हिंदी भाषा को सम्मान देने के लिए हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है |
विशेषताएँ
भारत की राष्ट्रभाषा है,किसी भी देश की पहचान और गौरव होती है | ‘राष्ट्र्र’ शब्द का प्रयोग किसी देश में रहने वाले लोगों के लिए किया जाता है | किसी भी राष्ट्र का अपना स्वतंत्र अस्तित्व होता है,क्योंकि देश में अलग-अलग जाति धर्म के लोग रहते हैं | सबकी अपनी अलग भाषा होती है परंतु इस भिन्नता के साथ उनमें एकता भी बनी हुई होती है |
किसी भी राष्ट्र के शासन का एक केंद्र होता है, इसलिए राष्ट्र की एकता को दृढ बनानें के लिए एक ऐसी भाषा की आवश्यकता होती है जिसका प्रयोग पुरे देश में महत्वपूर्ण कार्यों के लिए किया जाता है, ऐसी भाषा ही एक राष्ट्रभाषा कहलाती है | हिंदी भाषा सरलता से समझी जाती है, यह भारतीय भाषाओं की तुलना में बहुत ही सरल भाषा है इसमें शब्दों का प्रयोग तकपूर्ण है |
निष्कर्ष :
हिंदी भाषा दो या तीन महीनों में ही सीखी जाती है इन सभी विशेषताओं के कारण भारतीय संविधान सभा द्वारा निर्णय लिया गया की हिंदी भाषा को भारत की राष्ट्रभाषा तथा देवनागरी लिपि को राष्ट्रलिपि बनाया जाए |
हिंदी को राष्ट्रभाषा घोसित करने के बाद हिंदी भाषा का प्रयोग करना कठिन था | लेकिन राजकीय कर्मचारियों को सुविधा दी गई थी की १९६५ तक केंद्रीय शासन के कार्य व्यावहारिक रूप से अंग्रेजी में चलता रहे | १५ वर्ष में हिंदी को पूर्ण समृद्धशाली बनाया गया |
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