मेरे घर पर निबंध – पढ़े यहाँ Essay On My House in Hindi

प्रस्तावना :

मेरा घर स्वर्ग जैसे सुंदर है, मेरा घर छोटा सा है | मेरा घर मेरे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान जहाँ मेरा जन्म हुआ है | मेरा घर छोटा है फिर भी मेरे घर के सभी सदस्य मिल-जुलकर रहते हैं | मेरे घर में मेरे दादा-दादी, माता-पिता, चाचा-चाची, मेरा एक भाई और मेरे चाचा के दो छोटे बेटे रहते हैं | मेरा घर किसी मंदिर से कम नहीं है |

मेरा घर सुंदर घर 

मेरा घर दिल्ली में स्थित है, घर जैसी कोई सुंदर स्थान नहीं होता है | घर पूरी दुनिया का सबसे खूबसूरत स्थान होता है | जहाँ घर के सभी सदस्य आपस में मिल-जुलकर रहते हैं | इसलिए घर छोटा हो या बड़ा सभी को अपना घर स्वर्ग के समान होता है |

मेरे घर का आंगन 

मेरा घर मिटटी का बना हुआ है जिसे कई साल पुराना मेरे दादा जी ने बनवाया था | मेरे घर के सामने  एक छोटा सा बगीचा बना हुआ है | जिसमें तुलसी का पौधा और अन्य सुंदर-सुंदर फूल के पौधे लगे हुए हैं | मेरे घर का दरवाजा पूरब दिशा की ओर है जिसके कारण मेरे घर में खुली हवा और सूर्य का प्रकाश आता है |

मेरे घर के में एक छोटा सा भगवान का मंदिर है | हम सभी सुबह-शाम भगवान की आरती करते हैं जिसमें मेरे घर के सभी सदस्य शामिल होते हैं |

मेरे गाँव के खेती 

मुझे गाँव में न ही रहना अच्छा लगता है | मेरे घर में छोटे -बड़े सभी लोग आपस में प्यार से मिल-जुलकर रहते हैं | मेरे घर के कुछ दुरी पर मेरे खेत है जिसमें मेरे माता-पिता दिनभर काम करते हैं | मेरी चाची घर के सभी काम देखती है | मेरे दादा रोज शाम को हमें कहानियाँ सुनाया करते थे | मेरे घर के चारो ओर हरियाली छाई हुई है |

घर के सामने नीम के पेड़ 

मेरे घर के बगीचे में नीम का और आम का पेड़ लगा हुआ है | जिसके निचे हम झूला झूलते हैं | हम भाई बहन सब पाठशाला जाते हैं मेरे लिए मेरा घर दुनिया का सबसे सर्वोत्तम स्थान है |

मेरा परिवार एक मध्यम वर्गीय परिवार है | मेरे घर में प्रतिदिन कोई ना कोई मेहमान आते रहते हैं | मेरे दादा-दादी भी घर के किसी भी कामों में हाथ बंटाते हैं | मैं भी अपने माता के साथ खेतों में काम करने जाती हूँ |

आसमान के रंग-बिरंगी तारें 

मैं अपने घर के छत पर रोज शाम को जाकर बैठ जाती थी | क्योंकि मुझे  आसमान के रंग-बिरंगी तारें देखना मुझे काफी पसंद था | मेरे घर में आये हुए मेहमानों को हम भगवान का रूप मानते हैं |

निष्कर्ष :

मेरे घर के सभी सदस्य घर आये मेहमान का सेवा आदर करने में कोई कसर नहीं छोड़ते | मेरे दादाजी का मानना है मेहमान भगवान के स्वरूप होते हैं | उनके सेवा ,में किसी भी प्रकार की कमी नहीं होनी चाहिए |

Updated: जनवरी 20, 2020 — 2:06 अपराह्न

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