प्रस्तावना :
हमारे जीवन का लक्ष्य ही जीवन के सफलता की पहली सीढ़ी है | जीवन को सही तरीके से जीने के लिए एक लक्ष्य का होना आवश्यक है | क्योंकि एक लक्ष्यहीन व्यक्ति जीवन में कुछ भी सार्थक नहीं कर सकता |
जब मैं स्कूल में पढता था, तभी से मेरे बोला करते थे की जीवन में आपको कोई ना कोई लक्ष्य निर्धारित करना बहुत जरुरी है | तभी से मैनें भी ठान लिया था की मेरे जीवन का लक्ष्य है की मैं बड़ा होकर एक अच्छा और विवेकशील डॉक्टर बनने की |
डॉक्टर के हाथ में ही किसी के जिंदगी और मौत का फैसला होता है | डॉक्टर भले ही किसी को जिंदा नहीं कर सकते हैं | लेकिन किसी व्यक्ति को उसके बुरे हालत से बचा कर उन्हें एक नई जिंदगी देते हैं |
मेरा लक्ष्य है की मैं बड़ा होकर डॉक्टर बनूँगा और गरीब असहायों की सहयता करूँगा | क्योंकि मैं बचपन से ही देख रहा हूँ की गाँव में डॉक्टर हैं | गाँव के लोगों को अच्छा इलाज करने के लिए शहरों में जाना पड़ता है |
यही सब देखते हुए मैं एक अच्छा डॉक्टर बनूँ और लोगों का अच्छा इलाज करूँ | मेरा मकसद केवल डॉक्टर बनकर पैसे ही कामनें का नहीं है |
यदि मुझे पैसा ही कामना होता तो, मैं कोई और काम देख लेता | मेरे विचार में भगवान तो केवल जन्म देकर इस दुनियां में भेज देते हैं | इसके बाद उनके जीवन की रक्षा का पूरा उत्तरदायित्व वह डॉक्टरों के हाथ में सौंप देते हैं | ऐसा कहा जाता है की डॉक्टर का पेशा केवल सेवा करने के लिए होता है, पैसे कमानें की नहीं |
मेरा लक्ष्य है की मैं डॉक्टर बनकर किसी के प्राण बचा सकता हूँ जो किसी चमत्कार से कम नहीं है | मैं गरीबों का इलाज करना चाहता हूँ | हमारे देश में लाखो लोग पैसे ना होने के कारण बिना इलाज के उनकी मृत्यु हो जाती है | मैं सिर्फ डॉक्टर बननें का लक्ष्य ही नहीं रखा हूँ बल्कि इसलिए लिए दिन-रात मेहनत भी कर रहा हूँ | मैं विद्यालय में बायोलॉजी विषय को चुना था |