प्रस्तावना :
दोस्तों आज का हमारा निबंध है माता-पिता पर – दोस्तों रुलाना तो हर किसी को आता है, और हंसना भी हर किसी को आता है, आपको रुलाने के बाद जो मना लेते है, वह पिता जी होते हैं, और जो रुला के स्वंय ही रोने लगती है, वह होती है माता होती हैं |
दोस्तों मेरे ह्रदय में मेरे माता-पिता के प्रति असीम आदर और सम्मान की भावना है | मैं अपने माता-पिता से बहुत प्यार करती हूँ | मैं रोज सबेरे उठकर सबसे पहले अपने माता-पिता के चरण को स्पर्श करके अपने माता-पिता का आशीर्वाद लेती हूँ |
मैं प्रतिदिन ईश्वर से यही कामना करती हूँ, की मेरे माता-पिता की छत्रछाया मुझ पर सदैव बनी रहे ताकि मुझे हमेशा उनका आशीर्वाद और प्यार मिलता रहे |
दोस्तों हमारे सर्वप्रथम गुरु हमारे माता-पिता ही होते हैं | इस दुनिया में माता-पिता ही हमारे जीवन दाता हैं | हम सभी के लिए भगवान का दिया हुआ अनमोल उपहार हमारे माता-पिता ही हैं | किसी भी व्यक्ति के जीवन में माता-पिता का स्थान भगवान से भी पहले आता है |
मानव के इस जीवन में किसी भी व्यक्ति को एक जीवन साथी या सच्चे मित्र की आवश्यकता होती है, जो उसे हमेशा प्यार करे, उसकी भावनाओं को समझे और उसकी सहायता करे | इस जीवन में जीवन में किसी के भी प्रेम की तुलना में माता-पिता के प्रेम की तुलना सकता है |
माता-पिता केवल हमारे जीवन दाता ही नहीं बल्कि हमें इस जीवन में सुखी और आनंद के जीवन जीने के काबिल भी बनाते हैं | हमारे माता-पिता केवल हमारी देखभाल ही नहीं करते |
माता-पिता स्थिति के अनुकूल अथवा प्रतिकूल होने पर भी माता-पिता हमारी शिक्षा की क्षमता से अधिक प्रभावशाली व्यवस्था भी करते हैं | जिससे हम केवल मानवीय, सामाजिक जीवन व्यवहार के लायक बन सकें | या अपने व्यक्तिगत जीवन को सुंदर और सुखमय बना सकें |
हमारे जीवन में माता-पिता की अविस्मरणीय भूमिका होती है | माता-पिता का निःस्वार्थ होता है वे हमारी खुशियों के लिए अपने सभी खुशी को त्याग देते हैं | दुनिया का कोई भीरिश्ता झूठा हो सकता है लेकिन माता-पिता का रिश्ता हमेशा सच्चा ही रहेगा |
एक माता-पिता ही होते हैं जो अपने बच्चों को उनके बनाने के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार रहते हैं | हम अपने जीवन में कितना भी ऊँचा स्थान प्राप्त कर करते हैं | उसमें जितना मेहनत और परिश्रम हमारी उससे कहीं अधिक हमारे आदरणीय माता-पिता की होती है
कहा जाता है, की यदि माता घर की गौरव तो पिता घर के अस्तित्व होते हैं | माता के पास अश्रुधारा होती है तो पिता के पास संयम होता है | हम चाहे जितने भी बड़े क्यों ना हो जाएं लेकिन अपने माता-पिता के के नजरों में हम हमेशा छोटे ही रहते हैं |
इस दुनियाँ में बहुत से ऐसे बच्चे भी हैं जिन्हें पिता का प्यार और माता का दुलार नहीं मिल पाता है | ऐसे बच्चे पुरे जीवन माता-पिता के प्यार के लिए तरस रहते हैं और उन्हें सही मायनें में एहसास होता है की किसी बच्चे के जीवन में माता-पिता की अहमियत रखते हैं |