प्रस्तावना :
माँ और पिताजी हर बच्चों के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं | हमारे प्रथम गुरु हमारे माता पिता ही होते हैं | माता पिता से सच्चा रिश्ता कोई और नहीं है, क्योंकि माता पिता ही हैं, जो अपने बच्चों की ख़ुशी के लिए सब कुछ त्याग देते हैं | इस पृथ्वी पर माता पिता भगवान का रूप होते है, जो अपने बच्चों पर आने वाले मुसीबतों को स्वंय पर ले लेते हैं |
माता पिता
माता पिता भगवान का दिया हुआ अनमोल उपहारों में से एक हैं, छाया में हमारा जीवन सँवरता हैं | माता पिता निःस्वार्थ भावना की मूर्ति हैं जो अपने बच्चों को ममता, त्याग, परोपकार, स्नेह और जीवन जीनें की कला सिखाते हैं |
हमें रोज सबेरे उठकर सबसे पहले अपने माता-पिता के चरण को स्पर्श करके उनका आशीर्वाद लेना चाहिए | क्योंकि माता पिता के आशीर्वाद से ही हम जीवन में सफलता प्राप्त होता है | माता पिता भारतीय संस्कृति मजबूती से स्थिर हैं | इनके संस्कृति के दो ध्रुव हैं, माँ शब्द ही इस जगत का सबसे सुंदर शब्द है |
माँ शब्द बोलने में तो बहुत छोटा है लेकिन इसी शब्दों में पूरा संसार बसा हुआ है | ‘माँ’ के इस शब्द में वात्सल्य, माया, अपनापन, स्नेह, आकाश के समान विशाल मन, सागर समान अंतःकरण, इन सबका संगम है | कितने कवियों और साहित्यकारों ने माँ के लिए न जाने कितना लखे होंगे लेकिन माँ की ममता का कोई मोल नहीं है |
माता पिता का प्यार
पिता हमारे जिंदगी के वो महान शख्स हैं हमारे सपनों को पूरा करने के लिए अपने सपनों की धरती बंजर ही छोड़ देते हैं |माता पिता केवल हमारे जीवन दाता ही नहीं बल्कि इस जीवन में सुखी जीवन जीने के काबिल भी बनाते हैं | इस दुनिया में माता पिता का प्यार निःस्वार्थ होता है | उनके अंदर किसी भी चीजों का लालच नहीं होता है |
माता घर की गौरव तो पिता घर के अस्तित्व होते हैं | माता के पास अश्रुधारा होती है तो पिता के पास संयम होता है | हम चाहे जितने भी बड़े क्यों ना हो जाएं लेकिन अपने माता-पिता के के नजरों में हम हमेशा छोटे ही रहते हैं | इस दुनियाँ में बहुत से ऐसे बच्चे हैं, जिन्हें जीवन कभी माता पिता के प्यार नहीं मिलता है |
परिश्रम
माता पिता ही होते हैं जो हमें जीवन का मार्ग दिखलाते हैं | माता पिता के अनंत उपकार उनके बच्चों पर रहता है | इस दुनियां में सब कुछ दुबारा मिल जाता है लेकिन माता पिता और उनका प्यार कभी नहीं मिलता | माता पिता दिन रात परिश्रम करते हैं ताकि उनके बच्चों का भविष्य उज्जवल हो सके |
हमें अपने माता पिता का आदर और सम्मान करना चाहिए | क्योंकि हम कभी भी उनके ममता और त्याग का कर्ज चुका नहीं सकते हैं | लेकिन अपने माता पिता को खुश रखना चाहिए | आधुनिक युग में माता पिता के महत्व को भूलकर उन्हें वृदाश्रम छोड़ आते हैं | माता पिता वह किमती हिरा हैं, जो खोनें के बाद दुबारा नहीं मिलते |