प्रस्तावना :
हमारे देश में आम के पेड़ का महत्व सबसे अधिक माना गया है | आम भारत का राष्ट्रिय फल है इसमें विटामिन A, C और D पाया जाता है | आम एक प्रकार का रसीला फल होता है | इसकी मूल प्रजाति को भारतीय आम कहा जाता है | यह बहुत ही स्वादिष्ट फल होता है | इसलिए इसके स्वाद के कारण ही आम भारत में सबसे अधिक पसंद किये जानें वाला फल है |
फलों का राजा
आम सभी फलों का राजा है | आम का पेड़ लंबा और घना होता है, हमारे देश में लगभग संपूर्ण भूभाग में आम की खेती होती है | आम का फल साल में एक ही बार ग्रीष्म ऋतू में होता है | आम का पत्ता हरा तथा उसका छाल खुरदरा होता है | आम की पत्तियां आकार में लंबी होती है | देश भर में कई प्रकार की प्रजाति के पेड़ उगाये है |
आम का रंग
हरा, पीला, नारंगी और लाल यह आम का रंग होता है | आम के पेड़ में सबसे पहले फूल लगता है और फूल के बाद उसमें फल आता है | आरंभ में आम का फल हरे रंग का होता है इसके बाद हल्का लाल रंग का हो जाता है | आम पूरी तरह से पकने के बाद लाल और पिले रंग का हो जाता है | आम के फल के अंदर एक बड़ी गुठली भी होती है |
आम का उत्पादक
आम का फल अपने स्वाद के कारण पुरे विश्व में प्रसिद्द है | विश्व में आम का उत्पादक देशों में भारत पहले स्थान पर आता है | तेलगु, कन्नड़ नववर्ष उगादी में खास भोजन उगादी पच्छादी का मुख्य सामग्री आम होता है | आम का फल प्राचीन समय से ही लोकप्रिय रहा है |
राष्ट्रिय फल आम
आम के मूल प्रजाति को भारतीय आम कहते हैं, जिसका वैज्ञानिक नाम मेंगीफेरा कहा जाता है | इसकी प्रजति पहले सिर्फ भारतीय उपमहाद्वीप में मिलती थी | इसके बाद धीरे-धीरे सभी देशों में फैलने लगी | आम को भारत, पाकिस्तान और फिलीपींस में राष्ट्रिय फल माना जाता है | बांग्लादेश में आम के पेड़ को राष्ट्रिय पेड़ का दर्जा दिया गया है |
आम से हमें खानें के लिए अचार, आम की चटनी, आम का मुरब्बा, सलाड, शरबत और आम का चूर भी खानें के लिए मिलता है | सूखे आम का आयुर्वेदिक औषधीय गुण होता है |
आम की प्रजाति :
आम के अनेक प्रजाति हैं जैसे दसहरी, लंगड़ा, बादामी, केसर, तोतापरी, हिमसागर, अल्फांसों यह भारत में उपलब्ध आमों की सबसे उन्नत एवं महँगी किस्मों में से एक है | चौसा यह आम बहुत ही स्वादिष्ट और मीठा होता है यह सुनहरे पिले रंग का होता है |
हिन्दू धर्म में पिछली कई सदियों से आम के वृक्ष को पूजनीय माना जा रहा है | इसलिए किसी भी मंगल कार्य में आम के पत्ते का प्रयोग सबसे पहले किया जाता है | आम की सुखी लकड़ी, घी, हवन सामग्री आदि को साथ मिलाकर हवन करने से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है |