महावीर जयंती पर निबंध – पढ़े यहाँ Essay On Mahavir Jayanti in Hindi

प्रस्तावना :

भारत को महापुरुषों और देवी-देवताओं का देश कहा जाता है | भारत भूमि पर देवी-देवताओं ने अवतार लेकर महान कार्य किये | तथा ऋषि मुनियों ने ज्ञान की गंगा बहायी उनके महान कार्यों को याद करने के लिए हर साल उनकी जयंती मनाई जाती है |

उनमें से एक अवतारी परमपुरुष हैं, भगवान महावीर जिनका अवतार इस देश की पवित्र भूमि पर हुआ है | महावीर जयंती यह जैन संप्रदाय लोगों का  त्यौहार है | महावीर जयंती भगवान महावीर के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है |

महावीर जयंती 

महावीरभारत में महावीर जयंती सभी धर्मों के लोग मनाते हैं | लेकिन जैन धर्म के लोगों द्वारा यह त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है | संत महावीर जैन धर्म के प्रवर्तक तथा २४वें तीर्थकर थे | महावीर जयंती हिन्दू पंचांग के अनुसार मार्च-अप्रैल के महीने में पड़ता है |

भगवान महावीर का जन्म 

birth of mahavira भगवान महावीर का जन्म एक राजघराने में हुआ था | उनके पिता का नाम राजा सिद्धार्थ और माता का नाम रानी त्रिसला था | जिस युग में हिंसा, पशुबलि, जात का भेदभाव का बोलबाला था उसी युग में भगवान महावीर ने जन्म लिया | पंचशील सिद्धांत के प्रवर्तक महावीर स्वामी अहिंसा के मूर्तिमान प्रतिक थे |

भगवान महावीर के उपदेश 

preaching mahavira भगवान महावीर ने दुनिया को सत्य अहिंसा जैसे खास उपदेशों के माध्यम से सही मार्ग दिखाने की कोशिश किये तथा अपने प्रवचनों से मनुष्य का सही मार्गदर्शन किये | नविन शोध के अनुसार जैन धर्म की स्थापना वैदिक काल में हुई थी |

इतिहास 

mahavir जैन धर्म के वास्तविक संस्थापक ऋषभदेव थे | भगवान महावीर ने जैन धर्म में अपेक्षित सुधर करने के बाद इसका व्यापक स्तर का प्रचार किये | भगवान महावीर का जन्म वैशाली (बिहार )के निकट कुंडग्राम में हुआ था | उनके बचपन का नाम वर्धमान था राजघराने में जन्म होने के कारण उनका प्रारंभिक जीवन सुख-सुविधाओं से परिपूर्ण था |

महावीर जयंती के कार्यक्रम 

महावीर जयंती के दिन भगवान महावीर जी की झाकियां एवं शोभा यात्रा निकाली जाती है | इस दिन जैन संप्रदाय के लोग विभिन्न प्रकार की समाज सेवा करते हैं | भगवान महावीर जी के नाम पर दान करते हैं | भगवान महावीर से जुड़े सभी मंदिरों और स्थलों को इस विशेष अवसर पर फूल और झंडा से सजाया जाता है |

निष्कर्ष :

महावीर जयंती के दिन समारोह और पूजा से पहले भगवान महावीर के मूर्ति को पारंपरिक स्नान कराया जाता है इसके बाद भव्य शोभायात्रा निकाला जाता है |

इस दिन गरीब लोगों को कपडा, भोजन, रूपये जैसे वस्तुएं दान किया जाता है | महावीर जयंती लोगों द्वारा स्थानीय रूप से भगवान महावीर जी की मूर्ति का अभिषेक करके मनाया जाता है | जैन संप्रदाय के सभी लोग शोभायात्रा के कार्यक्रम में शामिल होते हैं तथा ध्यान और पूजा करने के लिए मंदिर जाते हैं |

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