buddhajayanti 201759 14410 13 05 2014

महात्मा बुद्ध पर निबंध – पढ़े यहाँ Essay On Mahatma Buddha in Hindi

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By hindiscreen

प्रस्तावना :

महात्मा बुद्ध  का जन्म करीब ढाई हजार वर्ष पूर्व कपिलवस्तु के महाराजा शुद्धोदन के घर हुआ था | उनकी माता का नाम महामाया था | महारानी महामाया के पुत्र के जन्म के सात दिन बाद स्वर्ग सिधार गई | उनकी माता की बहन गौतमी ने बालक सिद्धार्थ का लालन-पालन किया | महात्मा बुद्ध का बचपन का नाम  सिद्दार्थ था | उन्हें गौतम बुद्ध के नाम से भी जाना जाता है |

गौतम नाम इनके गौत्र के कारण पड़ा | सिद्धार्थ के जन्म से महाराज शुद्धोदन की पुत्र प्राप्ति की इच्छा पूर्ण हुई थी | सिद्धार्थ की जन्मपत्री देखकर राज ज्योतिषी ने भविष्यवाणी की थी की बालक बड़ा होकर या तो चक्रवर्ती राजा बनेगा या तपस्या के उपरांत महान संत बनेगा |

Buddha Purnima सिद्धार्थ बचपन से ही करुणायुक्त और गंभीर स्वाभाव के थे | महात्मा बुद्ध के बड़े होने पर भी उनकी प्रवृत्ति नहीं बदली | सिद्धार्थ के पिता उनका विवाह यशोधरा नामक कन्या के साथ करवा दिये | यशोधरा ने एक पुत्र को जन्म दिया जिसका नाम राहुल रखा गया |

सिद्धार्थ का मन गृहस्थी में नहीं लग रहा था | एक दिन महात्मा बुद्ध भ्रमण के लिए निकले रस्ते में रोगी, वृद्ध और मृतक को देखा तो उन्हें जीवन की सच्चाई का पता चला की मानव की यही गति है | यह सोंचकर महात्मा बुद्ध बेचैन हो उठे और रात के समय में जब महल में सभी लोग सो रहे थे तभी महात्मा बुद्ध घर परिवार छोड़कर वन में चले गए |

Gautam Buddha सिद्धार्थ वन में जाकर कठोर तपस्या आरंभ किये अंत में बिहार के गया नामक स्थान पर पहुँचे और एक पेड़ के निचे ध्यान लगाकर बैठ गए | एक दिन उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और वे सिद्धार्थ से “बुद्ध” बन गए | वह पेड़ ‘बोधिवृक्ष’ के नाम से प्रसिद्द हुआ |

ज्ञान प्राप्ति के बाद गौतम बुद्ध सारनाथ पहुंचे | सारनाथ में उन्होंने अपने शिष्यों को पहला उपदेश दिया | उपदेश देने का यह क्रम आजीवन जारी रहा | एक बार वर कपिलवस्तु भी गए जहाँ उनकी पत्नी यशोधरा ने उन्हें पुत्र राहुल को भिक्षा के रूप मेंडे दिया |

Mahatma Buddha ८० साल की उम्र में महात्मा गौतम बुद्ध निर्वाण को प्राप्त हुए | महात्मा गौतम बुद्ध के उपदेश सीधे-साधे थे | महात्मा गौतम बुद्ध के उपदेशों का लोगों पर गहरा प्रभाव पड़ा | अनेक राजा और आम नागरिक महात्मा गौतम बुद्ध के अनुयायी बन गए उनके अनुयायी बौद्ध कहलाये | बौद्ध धर्म को अशोक, कनिष्क तथा महान राजाओं का आश्रय प्राप्त हुआ | महात्मा बुद्ध के उपदेश आज के समय में भी बहुत प्रासंगिक है | महात्मा गौतम बुद्ध को याद करने तथा उन्हें सम्मान देने के लिए हर साल “बुद्ध पूर्णिमा” बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है |

बुद्ध पूर्णिमा, बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए सबसे बड़ा त्यौहार होता है | इसको बुद्ध जयंती के नाम से जाना जाता है | भगवान बुद्ध का जन्म ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण ये तीनों एक ही दिन वैशाख पूर्णिमा के दिन ही हुए थे | इस दिन अनेक प्रकार के समारोह आयोजित किये जाते हैं |

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