साक्षरता पर निबंध – पढ़े यहाँ Essay On Literacy In Hindi Language

प्रस्तावना :

हमारे देश में शिक्षा और साक्षरता को लेकर दो प्रकार के अभियान चलते हैं | एक विद्यालयों में नियमित रुप से दी जाने वाली शिक्षा जिसे औपचारिक शिक्षा कहा जाता है | दूसरी अनौपचारिक शिक्षा जिसके अंतर्गत उन लोगों को शिक्षित करने का बीड़ा उठाया जाता है | जो लोग स्कूल और विद्यालयों में जाकर शिक्षा हांसिल नहीं कर पाते हैं |

साक्षरता वरदान है और निरक्षरता अभिशाप है | साक्षरता से अपार ज्ञानराशि का भण्डार खुल जाता है | अधिकार एवं कर्तव्य की समझ बढ़ जाती है और शोषण के विरुद्ध लड़ने की क्षमता में वृद्धि होती है | साक्षरता मानव जीवन को सार्थक बनाती है |

साक्षरता के अभाव में कोई भी व्यक्ति अपने उद्देश्य की प्राप्ति नहीं कर सकता है | निरक्षरता शारीरिक विकलांगताओं से भी बुरी है | भोजन वस्त्र और आवास की भांति साक्षरता भी आज के मानव की मूलभूत आवश्यकता बन गई है | रोटी, कपडा और मकान से मानव का विकास होता है और साक्षरता से व्यक्तित्व का विकास होता है |

आज का युग शिक्षा का युग है जिसमें हर व्यक्ति का साक्षर होना आवश्यक है | साक्षरता का अर्थ पढ़ने और लिखने से है | साक्षरता व्यक्ति को अक्षरों का ज्ञान देती है | साक्षरता से ही किसी भी देश की गुणवत्ता की पहचान होती है | साक्षरता ही किसी भी देश की मूल आवश्यकता होती है |

साक्षरता मनुष्य के प्रगति का मूल तंत्र है | अनपढ़ और निरक्षर व्यक्ति अपना ही भला नहीं कर सकता है तो समाज और राष्ट्र के किस काम आएगा |

हमारे देश की स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद हमारे देश की जनसँख्या में अनपढ़ लोगों की संख्या बहुत अधिक थी | भारत सरकार के प्रयासों से आज समाज में हर व्यक्ति को शिक्षित करने का लक्ष्य की ओर बढ़ा है |

स्वतंत्रता के पचास वर्ष बाद भी भारत की जनता में व्याप्त निरक्षरता के कारण शोषित होती रही है | महिलाओं की साक्षरता का प्रतिशत कम है | साक्षरता के संबंध में विचार करते हुए यह प्रश्न आता है की क्या अक्षरज्ञान ही साक्षरता का मानदंड होना चाहिए |

साक्षरता केवल किताबी ज्ञान हांसिल करने तक ही सिमित नहीं है, बल्कि साक्षरता का मुख्य उद्देश्य लोगों में उन अधिकारों के प्रति और उनके कर्तव्यों के प्रति उन्हें जागरुक करना है | साक्षरता गरीबी, लिंग अनुपात सुधरने, भ्रष्टाचार और आतंकवाद को खत्म करने में समर्थ है |

निरक्षरता देश के विकास में बाधक है | देश के निहित राजनितिक, सामाजिक एवं आर्थिक पिछड़ेपन की जड़ निरक्षरता ही है | साक्षर किसी भी व्यक्ति को तब कहा जाता है जब वह अपना नाम लिख सकता है और उसे पढ़ सकता है |

साक्षरता दर किसी अन्य क्षेत्र के पढ़े लिखे जनसँख्या का वहां के लोगों से अनुपात है जिसे अधिक प्रतिशत में देखा जाता है | शिक्षा के अधिकार के लागु होने के बाद से साक्षरता दर में वृद्धि हुई है | अंतराष्ट्रीय साक्षरता दिवस हर साल ८ सितंबर को मनाया जाता है |

यदि आपके पास साक्षरता पर निबंध से संबंधित कोई अन्य प्रश्न हैं, तो आप नीचे टिप्पणी करके अपनी क्वेरी पूछ सकते हैं।

Updated: मार्च 5, 2020 — 10:39 पूर्वाह्न

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