लाल बहादुर शास्त्री पर निबंध – पढ़े यहाँ Essay on Lal Bahadur Shastri in Hindi Language

भूमिका :

लाल बहादुर शास्त्री  भारत के द्वितीय प्रधानमंत्री थे कार्यकाल के दौरान पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की मृत्यु हो जानें के कारण ९ जून १९६४ में लाल बहादुर शास्त्री  जी को इस पद पर मनोनीत किया गया | इनका स्थान तो द्वितीय था लेकिन लाल बहादुर शास्त्री जी का शासन “अद्वितीय” रहा |

लाल बहादुर शास्त्री जी स्वतंत्रता आंदोलन में गांधीवाद विचारधारा का अनुसरण करते हुए देश की सेवा किये और अपनी निष्ठा और सच्चाई में कमी नहीं आने दिए |

जन्म :

लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्म २ अक्टूबर १९०४ को उत्तर प्रदेश के वाराणसी के समीप मुगलसराय में हुआ था | लाल बहादुर शास्त्री के पिता का नाम मुंशी शारदा प्रसाद श्रीवास्तव था जो प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक थे अतः सब उन्हें मुंशीजी कहते थे,उनके माता का नाम राम दुलारी था | परिवार में सबसे छोटे होने के कारण लाल बहादुर शास्त्री को घरवाले प्यार से नन्हें कहकर पुकारते थे |

लाल बहादुर शास्त्री जब छोटे थे तभी उनके पिता का देहांत हो गया पति की मृत्यु के बाद रामदुलारी अपने पिता हजारीलाल के घर मिर्जापुर रहने चली गई | कुछ समय बाद शास्त्री जी के नाना हजारीलाल का मृत्यु हो जानें के कारण लाल बहादुर शास्त्री की परवरिश करने में उनके मौसा रघुनाथ प्रसाद ने उनके माँ का सहयोग किया |

शिक्षा

लाल बहादुर शास्त्री की प्रारंभिक शिक्षा मिर्जापुर में हुई घर की स्थिति अच्छी न होने के कारण भी वे अपनी पढाई पूरी करने के लिए वे अपने मौसा के घर चले गए | से उनकी पढाई हरिश्चंद्र हाईस्कूल में हुई | साल १९२० में लाल बहादुर शास्त्री जी गांधीजी के असहयोग आंदोलन में भाग लेने के लिए अपनी पढाई छोड़ दिए |

बाद में उन्होंने काशी विद्यापीठ में प्रवेश लिए और वहाँ से साल १९२६ में उन्हें “शास्त्री” की उपाधि मिली | शास्त्री की उपाधि मिलते ही जन्म से चला आ रहा जातिसूचक शब्द ‘श्रीवास्तव’ को हमेशा के लिए हटाकर अपने नाम के आगे लगा लिए | लाल बहादुर शास्त्री अपने देश के राष्ट्रपिता गांधीजी को अपना आदर्श मानते थे |

राजनितिक कार्य 

लाल बहादुर शास्त्री सच्चे गांधीवाद नेता थे उन्होंने अपना पूरा जीवन सादगी से जिए और गरीबों सेवा में लगा दिए | शास्त्री किसी भी आंदोलन एवं कार्यक्रमों में हिस्सा लेते थे |

साल १९२१ में असहयोग आंदोलन गांधीजी के नेतृत्व में चलाया जानें वाला यह प्रथम जन आंदोलन था | असहयोग आंदोलन में शहरी क्षेत्र में मध्यम वर्ग तथा ग्रामीण क्षेत्र में किसानों और आदिवासियों को व्यापक समर्थन मिला |

साल १९३० में दांडी मार्च जिसे नमक दांडी सत्याग्रह यह महात्मा गाँधी द्वारा अंग्रेज सरकार के नमक के ऊपर कर लगाने के कानून विरुद्ध किया गया | तथा साल १९४२ में भारत छोडो आंदोलन द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान ९ अगस्त को आरम्भ किया गया |

स्वतंत्रता की लड़ाई में लाल बहादुर शास्त्री जी ने “मरो नहीं, मारो” का नारा लगा दिया | जिसनें पुरे देश में स्वतंत्रता की ज्वाला को तीव्र कर दिया |

मृत्यु :

११ जनवरी १९६६ को उनकी रहस्य्पूर्ण तरीके से मृत्यु हो गई |

Updated: दिसम्बर 10, 2019 — 9:55 पूर्वाह्न

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