बच्चों के लिए हिंदी में पतंग पर निबंध – पढ़े यहाँ – पढ़े यहाँ Essay On Kite In Hindi For Kids

प्रस्तावना :

भारत में पतंगबाजी का खेल बहुत पुराना और काफी प्रसिद्द है | भारत के विभिन्न राज्यों में पतंगों को अलग-अलग समय उड़ाया जाता है और साथ ही त्योहारों को मनाया जाता है | भारत देश अपने विभिन्न संस्कृति और सभ्यता के लिए जाना जाता है |

मकर सक्रांति के त्यौहार पर

मकर संक्रांतियहाँ कोई ना कोई त्यौहार आती ही रहती है | पतंग को मकर सक्रांति के दिन पुरे उत्साह से रंग-बिरंगी पतंगों को उड़ाया जाता है | इस दिन आसमान में जहाँ देखो वहाँ केवल पतंगे ही दिखाई देती हैं | भारत में प्रत्येक वर्ष अंतराष्ट्रीय पतंग महोत्सव भी मनाया जाता है |

पतंगबाजी करने की कला

मकर संक्रांति का महत्वपतंग हवा में उड़ने वाली वस्तु है जो केवल धागे के सहारे आसमान में उड़ती है | भारत के हर कोने में बच्चों से लेकर नौजवान तक पतंग उड़ानें का शौक रखते हैं | प्राचीन समय में पतंगबाजी करने की कला बहुत ही निराली हुआ करती थी | आज भी भारत में पतंग उड़ानें का समय एक मौसम की तरह आता है | बसंत ऋतू के समय सबसे ज्यादा पतंग उड़ाया जाता है |

उत्तर भारत में लोग स्वतंत्रता दिवस के दिनों में पतंग उड़ाते हैं | बड़े और ज्यादातर बच्चे पतंबाजी का शौक रखते हैं | पतंग को ऊंचाइयों को पा लेनें की इच्छा का प्रतिक माना जाता है | पतंग का उड़ाना हमें जीवन का संदेश दे सकता है | बहुत ही छोटी सी यह पतंग बहुत ही कीमती सिख दे जाती है |

पतंग भारत में कब आया

मकर संक्रांति मनाने का उद्देशपतंग का अविष्कार सबसे पहले चीन में किया गया था | इतिहास के अनुसार लगभग २००० साल पहले दुनिया की पहली पतंग एक चीनी के द्वारा बनाई गयी | इसके अविष्कार को लेकर अलग-अलग मान्यताएँ |

चीनी यात्री F Hien और Huin Tsang पतंग को भारत में लाये थे | भारत में तो पतंगबाजी इतनी लोकप्रिय हुई की कवियों ने हवा में उड़ने वाली इस छोटी सी पतंग पर कविताएं लिख डाली |

पतंग का अविष्कार

मकर संक्रांतिपतंग का अविष्कार चीन में किया गया था शानडोंग जो की पूर्वी चीन का प्रांत था उसे पतंग का घर कहा जाता है | पौराणिक कथा के अनुसार एक चीनी किसान अपनी टोपी को हवा में उड़ने से बचने के लिए उसे रस्सी से बांधकर रखता था |

इतिहास

सबसे पहली चीनी पतंग चपटी और आयताकार हुआ करती थी | बाद में पतंगों को पौराणिक रुपों और पौराणिक आंकड़ों से सजाया जानें लगा | इसी अवधारणा से पहले पतंग की शुरुआत की हुई थी | ५वीं शताब्दी इसा पूर्व चिब के दार्शनिक (मो दी) और (गोंगशु बान) ने पतंग का अविष्कार किया था |

पतंग उड़ानें के लाभ :

बच्चों को पतंग जरुर उड़ाना चाहिए पतंग उड़ानें से हमें ख़ुशी मिलती है | साथ ही एक तरफ से अभ्यास भी होता है | आज कल पतंग उड़ानें के मामले में बच्चे बहुत ही कम दिखाई देने लगे हैं | पहले गर्मी की छुट्टियों में एकमात्र मनोरंजन का साधन पतंग ही था |

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *