प्रस्तावना :
भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम सन १९६१ में शुरू हुआ, जब डॉ. होमी ज. भाभा परमाणु ऊर्जा विभाग के नेतृत्व में अंतरिक्ष अनुसंधान की जिम्मेदारी दी गई थी |
सन १९६२ में जब भारत सरकार द्वारा भारतीय राष्ट्रिय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति (INCOSPAR) का गठन हुआ तब भारत ने अंतरिक्ष में जाने का निर्णय लिया |
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान कार्यक्रम के जनक डॉ. विक्रम साराभाई है | जिनके नेतृत्व में इस कार्यक्रम की शुरुआत अंतरिक्ष अनुसंधान में आत्मनर्भरता प्राप्त करने के उद्देश्य से हुआ |
डॉ. विक्रम साराभाई के साथ (INCOSPAR) ने ऊपरी वायुमंडलीय अनुसंधान के लिए तिरुवनंतपुरम में थुंबा भूमध्यरेखीय रॉकेट प्रमोचन केंद्र (टर्ल्स) की स्थापना की |१९६९ में गठित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने तत्कालीन इन्कोस्पार का अधिक्रमण किया |
डॉ. विक्रम साराभाई ने देश के विकास में अंतरिक्ष प्रद्योगिकी की भूमिका तथा महत्व को पहचानते हुए ISRO के विकास के लिए एजेंट के रुप में कार्य करने के लिए निदेश दिए | इन वर्षों में ISRO ने आम जनता और देश की सेवा के लिए अंतरिक्ष विज्ञान को लाने के अपने ध्येय को सदा बनाये रखा है |
भारत के सोवियत संघ के सहयोग से १९ अप्रैल १९७५ में प्रथम उपग्रह “आर्यभट्ट” छोड़ा गया | इसका नाम महान गणितज्ञ आर्यभट्ट के नाम पर रखा गया था | इसने ५ दिन बाद काम करना बंद कर दिया था | लेकिन यह अपने आप में भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि थी |
७ जून १९७९ को भारत का दूसरा उपग्रह “भास्कर” जो ४४५ किलो का था | यह पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया गया | सन १९८० में उपग्रह “रोहिणी” पहला भारत निर्मित प्रक्षेपण यान SLV-3 बन गया जिसे कक्षा में स्थापित किया गया |
ISRO ने बाद में दो अन्य रॉकेट विकसित किये, ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान उपग्रह शुरु करने के लिए “ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान” (PSLV), भूस्थिर कक्षा में उपग्रहों को रखने के लिए ध्रुवीय कक्षाओं और भू-स्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान (GSLV) का विकास किया गया था |
ISRO ने २२ अक्टूबर २००८ को चंद्रयान -१ भेजा जिसमें चंद्रमा की परिक्रमा की इसके बाद २४ सितंबर २०१४ को मंगल ग्रह की परिक्रमा करने वाला मंगलयान (मंगल आर्बिटर मिशन) भेजा | यह सफलतापूर्वक मंगल ग्रह कि कक्षा में प्रवेश किया | इस प्रकार भारत अपने पहले ही प्रयास में सफल होने वाला पहला राष्ट्र बना |
२०१५ तक PSLV द्वारा ९३ उपग्रहों को प्रक्षेपित किया गया है | जिनमें भारतीय और २० अलग-अलग देशों के ५७ विदेशी उपग्रह थे | ISRO ने २००८ में ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) द्वारा एक साथ १० उपग्रहों को प्रक्षेपित कर रुसी विश्व रिकॉर्ड तोड़ दिया था |
जून २०१६ तक ISRO लगभग २० अलग-अलग देशों के उपग्रहों को लॉन्च कर चूका है | इसके द्वारा उसने अब तक १० करोड़ अमेरिकी डॉलर कमाये हैं | ISRO भारत का राष्ट्रिय अंतरिक्ष संस्थान है जिसका मुख्यालय बंगलौर में है | इस संस्थान का लगभग १७ हजार कर्मचारी एवं वैज्ञानिक कार्यरत हैं |
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